बिहार का हर चौथा व्यक्ति करता है नशा, लगातार बढ़ रहा कैंसर मरीजों का आंकड़, जानें कैसे करें पहचान

Every fourth person in Bihar is intoxicated, the number of cancer patients is increasing continuously, know how to identify
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पटना: शौकिया अंदाज में शुरू किया गया तंबाकू का सेवन धीरे-धोरे लत का रूप ले लेता है. यही आदत लोगों को अस्पताल के बेड तक पहुंचा रही है. इनमें से कई लोगों को मौत के दरवाजे तक भी छोड़ आई है. ऐसा हम नहीं बल्कि डॉक्टरों का कहना हैं. डॉक्टरों के अनुसार देश में हर साल 13.50 लाख लोगों की तम्बाकू के सेवन के कारण होने वाली विभिन्न बीमारियों से मौत होती है. लोग भोजन से ज्यादा तंबाकू और सिगरेट को तवज्जो देते हैं. यही हाल बिहार का भी है. अलग-अलग माध्यम से करीब 90% ऐसे मुंह कैंसर के मरीज हैं, जिसका प्रमुख कारण तंबाकू है. मेदांता के डॉ. अमित कुमार बताते हैं कि विश्व में सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर का होता है. इसमें सबसे ज्यादा मरीज बिहार में हैं. इसका सबसे प्रमुख कारण तंबाकू है. अगर मुंह में दर्द सहित छाला पड़ जाए और ठीक ना हो तो समझ जाइए कि डॉक्टर से मिलने का समय आ गया.

बिहार में माउथ कैंसर के ज्यादा मरीज
डॉ. अमित कुमार के अनुसार मुंह का कैंसर सबसे ज्यादा भारत में होता है और बिहार भी इसका प्रमुख हिस्सा है. इसका सबसे बड़ा कारण गुटखा, खैनी और सिगरेट का सेवन है. बिहार में करीब 25-26 फीसदी लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. उन्होंने आगे बताया कि हमारे पास केंसर के सबसे ज्यादा मरीज मुंह और फेफड़े के आते हैं, जिसका प्रमुख कारण तंबाकू होता है. तंबाकू से करीब 15 तरह का कैंसर होता है. जिसमें सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर होता है. प्रजनन क्षमता सहित कई चीजों पर तंबाकू असर डालती है. तंबाकू का सेवन करने वाले की आयु समान्य से करीब 15 साल कम होती है. इसके साथ ही सबसे ज्यादा अगर मृत्यु लंग्स कैंसर की वजह से होती है और इसका सबसे बड़ा कारण स्मोकिंग है.

मेदांता के कैंसर इंस्टीट्यूट के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. संदीप कुमार के अनुसार अगर आप लंबे समय से तम्बाकू का सेवन किसी भी माध्यम से करते हैं और मुंह में छाला पड़ गया है, जो दो हफ्ते से ठीक ना हो रहा हो और दर्द ना हो तो जल्द ही डॉक्टर से मिलें. इसके साथ ही कोई गांठ जो लगातर बढ़ रहा हो और दर्द रहित हो तो जल्दी डॉक्टर से मिलें. लंग्स कैंसर की बात करें, तो ज्यादा खांसी जो काफी समय से ठीक ना हो रही हो, सीने में दर्द हो और खांसी के साथ खून आ जाए, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है. पेट के कैंसर में अगर मल और उल्टी के साथ खून आएं, कब्ज की दिक्कत लगातार हो तो डॉक्टर से सम्पर्क करने की जरूरत है.

लत छुड़ाने के लिए निकोटिन निवारक केंद्र से सहायता लें.
डॉक्टर्स बताते हैं कि किसी तम्बाकू छोड़ने के लिए दृढ़ता से निश्चित करें कि आप तम्बाकू की लत से मुक्त होना चाहते हैं. इसके लिए संकल्प लें. इसका कोई भी विकल्प मन में न रखें. यह मानसिक रूप से तैयारी करने में मजबूती दे सकता है. अपने परिवार और दोस्तों को बताएं कि आप तम्बाकू की लत से छुटकारा पाना चाहते हैं. उनका सहयोग और समर्थन आपको मानसिक रूप से मजबूती देगा. तम्बाकू खाने के सामान्य ट्रिगरों को पहचाने और उनसे दूर रहें. यदि कोई विशेष स्थिति, जगह या दोस्त आपको तम्बाकू की ओर आकर्षित करते हैं, तो उनसे दूर रहें. तम्बाकू छोड़ने के लिए अपने स्वास्थ्य को सुधारने के लिए योग करें, स्वस्थ खानपान अपनाएं और अधिक पानी पीये. इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा, जिससे आपको तम्बाकू की तलब नहीं लगेगी. नियमित रूप से व्यायाम करना तम्बाकू छोड़ने में मदद कर सकता है. यदि आपको के तम्बाकू लत को छोड़ने में समस्या होती है तो डॉक्टर या निकोटिन निवारक केंद्र से सहायता लें.