कर्ज जाल में फंसता परिवार… होम लोन जिम्मेदार, प्रॉपर्टी में लगा रहे पैसे

Family getting caught in debt trap... Home loan responsible, investing money in property
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नई दिल्ली। भारत में काफी समय से लोगों की बचत घटने और उनपर कर्ज बढ़ने की रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं. घरों पर बढ़ते लोन को लेकर इन अलग अलग रिपोर्ट्स में चिंता भी जताई जा रही है. अब केयरएज (Care Edge Ratings) की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि भारतीय घरों पर बढ़ते कर्ज की वजह हाउसिंग लोन में हो रहा इजाफा है.

केयरएज के मुताबिक भारतीयों के कुल रिटेल कर्ज में होम लोन की हिस्सेदारी 50 फीसदी है, 2022-23 में भारत में घरों पर कर्ज बढ़कर GDP के 38 फीसदी के बराबर हो चुका था. लेकिन ये 2020-21 के 39.2 फीसदी के पीक के मुकाबले कम भी हुआ है.

भारत के लिए चिंता का विषय

लेकिन इस मामूली कमी के बावजूद ये आंकड़ा दूसरी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले अभी भी ज्यादा है. आंकड़ों के मुताबिक ब्राजील में हाउसहोल्ड लोन GDP के 35 फीसदी के बराबर है. वहीं दक्षिण अफ्रीका में घरों पर कर्ज GDP के 34 परसेंट के बराबर है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय घरों पर कर्ज के भारी दबाव के बीच क्रेडिट कार्ड समेत अनसिक्योर्ड लोन में काफी इजाफा हो रहा है, इसको लेकर चिंता जताते हुए कहा गया है कि इनकी कड़ी निगरानी की जरुरत है.

लेकिन कर्ज में इजाफे की मुख्य वजह होम लोन को ही माना गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे घरों की कुल बचत पर असर नहीं पड़ा है और ये GDP के 24 फीसदी के बराबर ही बनी हुई है.

रियल एस्टेट में निवेश पसंद

लेकिन अब बचत का पैटर्न बैंक डिपॉजिट की जगह रियल एस्टेट (Real Estate) जैसे फिजिल असेट्स की तरफ शिफ्ट हो गया है. इस ट्रेंड से ये संकेत भी मिलता है कि लोगों में अब घर का मालिकाना हक हासिल करने की चाहत बढ़ रही है. इसमें निवेश को भी सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि ये महंगाई दर से ज्यादा रिटर्न देता है और इसमें कीमतों में कमी आने से जोखिम भी ना के बराबर हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि घरों और दूसरी प्रॉपर्टीज में लोग निवेश कर रहे हैं और ये खर्च नहीं माना जा सकता, जबकि क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन जैसे कर्ज जरुरतों को पूरा करने का माध्यम बनकर लोगों का बोझ बढ़ा रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि रियल एस्टेट पर भारतीय घरों के निवेश से इंफ्रास्ट्रक्चर को फायदा मिलता है, जो आखिरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मददगार होता है. ऐसे में होम लोन को लेकर तो इस रिपोर्ट में बेफिक्री जताई गई है. लेकिन अनसिक्योर्ड लोन पर इसमें चिंता जाहिर की गई है.