जींद: हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के मकसद से सरकार की ओर से जहां जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, वहीं प्रोत्साहन योजना प्रदेश में लागू की गई है। जो किसान स्ट्रा बेलर द्वारा पराली की गांठ, बेल बनाकर या उसका निष्पादन सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों में करेगा, उसको प्रति एकड़ 1000 रुपये प्रोत्साहन राशि देने की योजना है।
इस बार भी हरियाणा के कृषि एवं कल्याण विभाग की ओर से पराली प्रबंधन को लेकर व्यापक तरीके के प्रबंध किए गए हैं। किसानों को एक हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने के अलावा किसानों को मशीनें खरीदने पर व्यक्तिगत 50 प्रतिशत और परियोजना लागत का 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इनमें इन सीटू प्रबंधन के लिए सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, हैप्डी सीडर, सुपर सीडर, जीरो टिल सीड एवं फर्टिलाइजर ड्रिल, मल्चर, पैडा स्ट्रा चापर, हाईड्रोलिक रिवर्सिबल मोल्ड बोर्ड हल, क्रॉप रीपर और रीपर बाइंडर मशीनें और एक्स सीटू के तहत बेलर व हरेक मशीनें शामिल हैं।
वहीं, पराली से चलने वाले कुल 265 कंप्रेस्ट बायोगैस प्लांट स्थापित किए जाने हैं। धान वाले जिलों में कृषि विभाग के अधिकारियों की ओर से किसानों को ये मशीनें उपलब्ध भी कराई गई। कृषि विभाग द्वारा प्रदेश में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों को जागरूक व प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं. विभाग द्वारा व्यक्तिगत श्रेणी के तहत किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर तथा कस्टमर हायरिंग सेंटर खोलने के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी पर बेलिंग यूनिट उपलब्धत करवाई जा रही है. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सब्सिडी पर 600 बेलिंग यूनिट प्रदान की जा रही है. इनमें से 290 बेलिंग यूनिट पानीपत के बाहोली में स्थापित 2जी एथनोल प्लांट के लिए चिह्नित क्लस्टर में आवंटित की गई हैं.