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दिल्ली: Fodder Grass: भारत में पशुपालन एक लोकप्रिय बिजनेस आइडिया है. सरकार भी किसानों को इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. धीरे-धीरे ग्रामीण इलाकों में ये एक बड़ा व्यवसाय बन गया है. बता दें दुधारू पशुओं को पालकर किसान हर महीने लाखों का मुनाफा कमा रहा है.
पशुपालकों के सामने सबसे बड़ी चिंता ये रहती है कि कैसे वे अपने दुधारू पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ाएं. इसके लिए वे तमाम जतन भी करते रहते हैं. यहां हम आपको पशुओं को खिलाई जानी वाली कुछ ऐसी घास के बारे में बता रहे हैं, जिसकी मदद से किसान गाय और भैंसों में दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ा सकते हैं.
बरसीम घास
पशुओं के लिए बरसीम घास सबसे ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है. यह कैल्शियम और फास्फोरस का बढ़िया स्रोत है. इसे खाने पशुओं की पाचन क्रिया सही रहती है. जिसकी वजह से उनके दूध देने की क्षमता बढ़ जाती है.
जिरका घास
बरसीम घास के मुकाबले जिरका घास में कम सिंचाई की जरूरत पड़ती हैं. इस घास की खेती का उन्नत समय अक्टूबर से नवंबर महीना है. विशेषज्ञ अक्सर किसानों को अपने कम दूध देने वाली पशुओं को इसी घास को खिलाने को कहते हैं. पशुओं के अंदर दूध उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए ये घास सबसे उपयुक्त है.
नेपियर घास
नेपियर घास गन्ने की तरह दिखती है. पशुओं के आहार के रूप में बहुत ही पोष्टिक मानी जाता है. इसकी सबसे खास बात ये है कि इसकी फसल बहुत ही कम समय में हो जाती है. मात्र 50 दिनों में किसान इसे उगा लेते हैं. इसके सेवन से पशुओं में दूध देने की क्षमता की गुना ज्यादा बढ़ जाती है.