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देहरादून: उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण का मुद्दा एक बार फिर फाइलों से बाहर निकल आया है। दिलचस्प बात यह है कि अभिभावक एकता समिति के ज्ञापन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी के कार्यालय के नौ महीने पहले दिए गए कार्रवाई के निर्देश पर शिक्षा विभाग की नींद अब टूटी है। अपर माध्यमिक शिक्षा निदेशक रामकृष्ण उनियाल ने सभी सीईओ को निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर नियंत्रण के लिए समिति के सुझावों के अनुसार कार्रवाई करने को कहा है। समिति ने पिछले साल 22 अप्रैल 2022 को सीएम को ज्ञापन देकर प्राइवेट स्कूलों में फीस नियंत्रण के लिए राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण गठन को सक्रिय करने की मांग की थी।
पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने फीस ऐक्ट को लेकर चुनावी आचार संहिता लागू होने से ठीक तीन दिन पहले पांच जनवरी 2022 को प्राधिकरण के गठन के आदेश कर दिए। इसमें प्राधिकरण शिक्षा में सुधार के लिए तो नीतियां बनाएगा ही। साथ ही निजी स्कूलों में एडमिशन और फीस नियंत्रण के मानक भी तय करेगा। साथ ही निजी स्कूलों के शिक्षक और कार्मिकों के वेतन भी निर्धारित करेगा। प्राधिकरण के अधिकारियों को सरकारी और निजी स्कूलों के नियमित मुआयने का अधिकार होगा।
नई शिक्षा नीति के पहले केंद्रीय स्तर पर मानक प्राधिकरण का गठन किया जाना है। फिलहाल केंद्र के फैसले का इंतजार किया जा रहा है। उसके बाद ही प्राधिकरण पर आगे कार्रवाई की जा सकेगी।
सीमा जौनसारी, निदेशक अकादमिक, शोध एवं प्रशिक्षण