5 साल के बच्चे का प्राइवेट पार्ट छूने वाली महिला यूट्यूबर को नहीं मिली जमानत, जानिए पूरा मामला

Female YouTuber who touched the private part of a 5-year-old child did not get bail, know the whole matter
Female YouTuber who touched the private part of a 5-year-old child did not get bail, know the whole matter
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मुंबई: एक 38 वर्षीय महिला यूटूबर को एक पांच साल के बच्चे के साथ वीडियो बनाना महंगा पड़ गया है। महिला पर आरोप है कि वीडियो बनाने के नाम पर उसने पांच साल के मासूम बच्चे का यौन उत्पीड़न किया और उसके प्राइवेट पार्ट को गलत इरादे से छुआ। यह बच्चा महिला एक दोस्त ने गोद लिया है। पॉक्सो कोर्ट ने इस सप्ताह महिला की जमानत अर्जी को नामंजूर किया है। इस मामले में बच्चे को गोद लेने वाली मां भी आरोपी है और फिलहाल जेल की सलाखों के अंदर है।

पॉक्सो कोर्ट ने जज ने खुद यह वीडियो देखते हुए महिला की दलीलों को नहीं माना। अपने बचाव में महिला ने कहा था कि उसने बच्चे को खिलाने के मकसद से गोद में उठाया था। अदालत ने कहा कि वीडियो में साफ दिख रहा है कि बच्चा महिला की गोद में कितना असहज महसूस कर रहा था। बच्चे के हाव भाव ही मामले की सच्चाई को उजागर करते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि बच्चे ने महिला की गोद से उतरने के बाद अपने प्राइवेट पार्ट को छुआ था क्योंकि वह तकलीफ में था। इससे यह पता चलता है कि महिला का इरादा नेक नहीं था बल्कि यौन शोषण के इरादे से भरा हुआ था। कोर्ट ने कहा कि यह कोई जरुरी नहीं है कि इस काम के लिए बच्चे के कपड़े उतारे ही जाएं। कोर्ट ने कहा कि महिला ने एक लाइव वीडियो बनाते समय इस तरह की घटना को अंजाम दिया और उसे अपलोड भी किया।

बहन ने की शिकायत!
यह मामला पहले पुलिस और फिर अदालत के समक्ष बच्चे की बहन की शिकायत के बाद सामने आया। बच्चे की बहन एक डॉक्टर है और गोद लेने वाले मां- बाप की बेटी है। बच्चे की बहन ने अदालत को यह भी बताया कि गोद लेने की प्रक्रिया भी गैरकानूनी है क्योंकि इसमें कोई भी कानूनी दस्तावेज नहीं बनाये गए हैं। यह बच्चा एक भिखारी से गोद लिया गया है। इस डॉक्टर ने यह आरोप भी लगाया कि मामले की दोनों आरोपी महिलाएं इसी तरह से बच्चों का शोषण करती हैं। बच्चे की बहन ने यह यूटूबर महिला पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह महिला अन्य बच्चों का भी यौन शोषण करती है।

अदालत ने यह भी पाया कि आरोपी महिला को अपने किये का कोई पछतावा भी नहीं है जब शिकायतकर्ता महिला ने विरोध जताया। आरोपी महिला द्वारा सोशल मीडिया का वीडियो बनाने के नाम पर गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। वीडियो बनाने के दौरान महिला की नीयत ठीक नहीं थी। इसी सप्ताह आरोपी महिला के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत चार्जशीट फाइल की गयी है।

कब हुई घटना?
आरोप है 31 दिसंबर 2021 के दिन आरोपी महिला ने बच्चे का तकरीबन एक घंटे लंबा वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। इसी वीडियो की एक क्लिप में यह गाना बज रहा है और यह साफ़ देखा जा सकता है कि महिला ने बच्चे को गोद में उठाया हुआ है और उसके हाथ बच्चे के प्राइवेट पार्ट पर हैं। यह आरोप लगा कि महिला की गोद में बच्चा काफी असहज था और दर्द की वजह से वह रो रहा था और गोद से निकलना चाह रहा था। महिला ने और भी कई वीडियो बनाये थे। ऐसे ही एक वीडियो में वह अश्लील भाषा का इस्तेमाल भी करती हुई नजर आ रही है। आरोपी महिला ने यह भी कहा कि मुझे ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता है।

जज ने कहा कि मेरे नजरिये में वीडियो बनाने के नाम पर एक बच्चे को इस तरह से उठाना, उसके प्राइवेट पार्ट को इस तरह दबाना और अपनी हरकत कोई भी शर्मिंदगी न महसूस करना। साथ ही अश्लील और गंदी भाषा का इस्तेमाल करना। इसके अलावा एक महिला होने के बावजूद कोई परवाह न करना। किसी भी तरह से जमानत देने के लिए यह मामला फिट नहीं है।