आम आदमी के ल‍िए व‍ित्‍त मंत्री ने क‍िया बड़ा ऐलान, बताया-कब काबू में आएगी महंगाई दर

Finance Minister made a big announcement for the common man, told when the inflation rate will come under control
Finance Minister made a big announcement for the common man, told when the inflation rate will come under control
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Inflation Rate: लगातार बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के ल‍िए सरकार की तरफ से लगातार प्रयास क‍िए जा रहे हैं. महंगाई के स्‍तर को नीचे लाने के ल‍िए प‍िछले कुछ महीनों में र‍िजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) की तरफ से रेपो रेट में 1.90 प्रत‍िशत का इजाफा क‍िया गया. इसके बाद महंगाई में थोड़ी नरमी आई है. हालांक‍ि अभी भी यह सरकार के संतोषजनक आंकड़े से ऊपर बनी हुई है. इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा क‍ि भारत महंगाई से बेहतर ढंग से न‍िपटने में सक्षम है.

जनवरी से 6 प्रतिशत से ऊपर बनी है महंगाई दर
उन्‍होंने भरोसा जताया कि भारत खाद्य कीमतों पर आपूर्ति संबंधी दबावों से निपटने के लिए ‘अच्छी व्यवस्था’ के कारण महंगाई का सामना बेहतर ढंग से करने में कामयाब होगा. आपको बता दें खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जनवरी से ही लगातार 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. यह स्तर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से अधिक है.

भारत महंगाई का सामना करने में सफल रहेगा
सीतारमण ने ‘रॉयटर्स नेक्स्ट’ कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि भारत महंगाई का बेहतर तरीके से सामना करने में सफल रहेगा. उन्होंने कहा, आरबीआई से संकेत म‍िला है क‍ि महंगाई में गिरावट का रुख है. अगले साल की शुरुआत या मध्य तक यह नॉर्मल लेवल पर आ जाएगी. उन्होंने यह स्वीकार किया कि महंगाई पर बाहरी कारकों का असर बने रहने वाला है लेकिन भारत अन्य देशों की तुलना में खाद्य उत्पादों एवं ऊर्जा की आपूर्ति के संदर्भ में ‘अच्छी’ स्थिति में है.

मुद्रास्फीति में उतार-चढ़ाव आगे बना रहेगा
सीतारमण ने कहा, ‘मैं एक अच्छी एवं तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था और अगले साल इसके और बढ़िया रहने की उम्मीद करती हूं.’ उन्होंने यह भी माना कि कच्चे तेल जैसे जिंसों के आयात के कारण मुद्रास्फीति में होने वाला उतार-चढ़ाव आगे भी बना रह सकता है. उन्होंने कहा, ‘कच्चे तेल को किफायती दाम पर सबके लिए उपलब्ध होना चाहिए और इसे एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. अगर वस्तुओं की आवाजाही को बाधित किया जाता है तो उसका हम पर असर देखने को मिलेगा.’

उन्होंने कहा कि भारत का रूस से तेल आयात बढ़ा है और पश्चिमी दुनिया के देश भी रूस से काफी मात्रा में तेल खरीद रहे हैं. सीतारमण ने कहा, ‘तेल की कीमत का स्तर रूस से तेल खरीद का समर्थन करता है. भारत इसमें अकेला नहीं है. और रूसी तेल का एक कीमत स्तर तय करने की मांग करने वाले भी बड़ी मात्रा में रूस से आयात कर रहे हैं.’