पत्नी का पहले गला रेता और फिर किया सरेंडर, मीरा रोड में दिल दहलाने वाली वारदात

First he slit his wife's throat and then surrendered, a horrifying incident in Mira Road
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मीरा-भाईंदर: मुंबई के मीरा-रोड में एक दिल दहलाने वाली घटना घटी। नया नगर में रहने वाले नदीम ने चाकू से गला रेतकर पत्नी आमरीन की हत्या कर दी। यह घटना शुक्रवार की दोपहर 1 बजे घटी। आमरीन को अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। पत्नी की हत्या करने के बाद आरोपी नदीम ने पुलिस स्टेशन में जाकर सरेंडर कर दिया।

क्या है मामला?
बताया जा रहा है कि नदीम और आमरीन में पारिवारिक विवाद चल रहा था। आमरीन विगत डेढ़-दो साल से नदीम से अलग रह रही थी। दोनों की दो संतान हैं, 12 वर्ष की लड़की और 2 वर्ष का लड़का। आमरीन ने अपने बेटे की कस्टडी की मांग को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। लगभग साल भर की न्यायिक लड़ाई के बाद अदालत ने आमरीन के पक्ष में फैसला दिया। लेकिन नदीम बच्चे की कस्टडी देने में आनाकानी कर रहा था। गुरुवार को आमरीन पुलिस के साथ बच्चे की कस्टडी के लिए नदीम के घर पहुंची थी, लेकिन वहां ताला लगा था।

चाकू से किया हमला
शुक्रवार को आमरीन जब मीरा-रोड के एक स्कूल में पढ़नेवाली बेटी को लाने गई, वहां अचानक से नदीम पंहुच गया और उसने चाकू से उस पर हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नदीम ने चाकू से आमरीन की गर्दन पर कई बार हमला किया था, जिससे उसकी मौत हो गई।

हत्या के बाद भागा नहीं नदीम
नया नगर पुलिस के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विलास सुपे ने बताया कि हत्या के बाद नदीम ने भागने की कोशिश नहीं की। शुक्रवार की नमाज के कारण परिसर में पुलिसकर्मियों की उपस्थिति थी। घटना के बारे में जानकारी मिलते ही पुलिस ने नदीम को गिरफ्तार कर लिया। नदीम के खिलाफ बीएनएस की धारा 103 के तहत हत्या का मामला दर्ज़ किया गया है।

विधायक से मिलने की थी आस
बताया जा रहा है कि न्यायालय ने बच्चे की कस्टडी के संबंध में अगस्त में ही आदेश दे दिया था। शुक्रवार को विधायक गीता जैन नया नगर परिसर में सीसीटीवी का उद्धघाटन करने वाली थीं। आमरीन भी उनसे मिलने की आस में शुक्रवार को पुलिस स्टेशन पहुंची थी।

पुलिस पर लापरवाही बरतने के आरोप
समाजसेवक सुरेश येवले ने पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने न्यायालय के आदेशानुसार आमरीन को सुरक्षा मुहैया नहीं कराया था, जबकि उसने ‘सिक्योरटी फी’ भी जमा कर दिया था। हालांकि डीसीपी प्रकाश गायकवाड ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया और कहा कि पुलिस ने नियमों के अधीन सुरक्षा दी थी।