पहले लगा जुर्माना, फिर गुजरात और बिहार में मुकदमा… अनपढ़ पीएम अभियान के चक्कर में बुरे फंसे केजरीवाल

First imposed fine, then case in Gujarat and Bihar... Kejriwal badly trapped in illiterate PM campaign
First imposed fine, then case in Gujarat and Bihar... Kejriwal badly trapped in illiterate PM campaign
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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बड़े आंदोलकारी रहे हैं। राजनीति को बारीकी या इसमें रुचि रखने वाले लोग इसे बखूबी जानते हैं। साल 2013 में तत्कालीन यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर उनका आंदोलन काफी सुर्खियों में रहा था। इस बड़े अभियान में उनके साथ समाजसेवी अन्ना हजारे, बाबा रामदेव, कवि कुमार विश्वास, पूर्व आईपीएस किरण बेदी, वकील शांति भूषण और प्रशांत भूषण और न जाने कितने लोग उनके साथ जुड़े। उसके ठीक एक साल बाद 2014 में मोदी सरकार आई और यूपीए की करारी हार हुई थी। उनके इस आंदोलन के ठीक बाद आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ था। आपको फ्लैशबैक में ले जाने का मतलब भी बता देते हैं। इन दिनों सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी से सीधे टक्कर लेनी की ठान ली है। तब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ थे और अब सीधे नरेंद्र मोदी से पंगा ले रहे हैं। केजरीवाल विगत कुछ दिनों से हर मंच से पीएम की शिक्षा पर सवाल उठा रहे हैं। उन्हें अनपढ़ बता रहें हैं। केजरीवाल ही नहीं उनके पार्टी के लोग भी पीएम के अनपढ़ वाले बयान का समर्थन कर रहे हैं। कह रहे हैं कि एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है। मोदी को शिक्षा पर चुनौती देने वाले केजरीवाल का यह अभियान उनपर ही भारी पड़ सकता है। आइए जानते हैं कैसे।

2000 का नोट वापस लिया तो पीएम को बता दिया अनपढ़
दिल्ली के सीएम पीएम नरेंद्र मोदी को अनपढ़ और अशिक्षित बताने में पीछे नहीं हट रहे। वो भी तब जब गुजरात यूनिवर्सिटी ने उनपर जुर्माना लगाया था, अहमदाबाद की कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई और पटना में भी केस दर्ज हो चुका है। केंद्र सरकार ने नोटबंदी के बाद लाए 2000 को नोट वापस लेना का फैसला सुनाया तो केजरीवाल ने यहां भी पीएम की शिक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया। बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पहले बोले 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा। अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार खत्म होगा। इसीलिए हम कहते हैं, PM पढ़ा लिखा होना चाहिए। एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है। उसे समझ आता नहीं है। भुगतना जनता को पड़ता है।

हम नहीं चाहते कोई अनपढ़ देश का पीएम बने-केजरीवाल
इसी साल अप्रैल महीने की बात है। सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी की शिक्षा पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि बच्चों की शिक्षा पर चाहे जीतने पैसे खर्चने पड़ें, हम खर्चेंगें। हम अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देंगें। कल को इन्ही बच्चों में से कोई देश का प्रधानमंत्री बनेगा। हम नहीं चाहते कि भविष्य में कोई अनपढ़ व्यक्ति देश का PM बने। इसके ठीक बाद खुद केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं ने डिग्री कैंपेन भी चलाया था।

पीएम मोदी के खिलाफ डिग्री कैंपेन
सीएम केजरीवाल यहीं नहीं रुके। उन्होंने पीएम मोदी की डिग्री पर भी सवाल उठाए थे। बकायदा पीएम की डिग्री को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कैंपेन भी चलाया था। इसमें उनके पार्टी के मंत्रियों ने भी साथ दिया था। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने मीडिया के सामने डिग्री दिखानी शुरू कर दी। इसमें दिल्ली के दो नए मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने डिग्री सार्वजनिक कर दी थी। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत सिंह ने भी अपनी डिग्री सार्वजनिक की थी। एक निजी चैनल में इंटरव्यू के दौरान उन्होंने पीएम मोदी के पुराने इंटरव्यू का जिक्र किया था। कहा कि पीएम मोदी ने खुद कहा था कि वो कम पढ़े लिखे हैं। हालांकि वो वीडियो पूरा सच नहीं था। उसे आधा-अधूरा परोसा गया था।

पीएम की शिक्षा पर सवाल, उधर कोर्ट में सुनवाई की बारी
सीएम केजरीवाल ने इधर पीएम की शिक्षा और डिग्री पर सवाल उठाया और उधर उनपर केस दर्ज हो गया। 15 अप्रैल के बाद आज यानी 23 मई को एक बार फिर उन्हें अहमदाबाद की अदालत ने फ्रेश समन जारी किया है। इसमें केजरीवाल के साथ आप सांसद संजय सिंह का नाम भी शामिल है। दोनों नेता 15 अप्रैल को कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। अब उन्हें कोर्ट ने 7 जून को पेश होने को कहा है। केजरीवाल और संजय सिंह पर पीएम की डिग्री पर सवाल करने के बाद गुजरात यूनिवर्सिटी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज किया है। यही नहीं यूनिवर्सिटी ने उनपर जुर्माना भी लगाया है। गुजरात के अलाव पटना में भी केजरीवाल के खिलाफ इसी मसले को लेकर केस दर्ज किया गया है। पटना की कोर्ट में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 332, 500 और 505 के तहत केस दर्ज किया गया है। इसपर 25 मई को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता ने कहा कि केजरीवाल की टिप्पणी से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।

कहीं राहुल गांधी की तरह न हो जाए हाल
सीएम केजरीवाल जिस तरह से पीएम मोदी की शिक्षा पर सवाल उठा रहे हैं, इससे वो खुदको मुश्किल में डाल रहे हैं। पटना और अहमदाबाद की अदालत में 25 मई और 7 जून को इस मामले में सुनवाई होनी है। अगर केजरीवाल पर दर्ज मुकदमा उनके खिलाफ जाता है तो उनके विश्ववसनीयता पर सवाल उठेगा। दोनों प्रदेश की अदालतें अगर सजा सुनाती हैं तो ऐसे में केजरीवाल के इस अभियान को भी बट्टा लग सकता है। यही नहीं, केजरीवाल का हाल कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी की तरह न हो जाए। राहुल गांधी को 2019 में मोदी सरनेम वाले बयान पर सूरत की मजिस्ट्रेट कोर्ट से लेकर सेशन कोर्ट तक चक्कर काटने पड़े थे। मानहानि का मुकदमा झेल रहे राहुल को अपनी लोकसभा सदस्यता भी गंवानी पड़ी थी। ऐसे में 25 मई और 7 जून को आने वाले फैसले पर सबकी नजर होगी।