आटा 3100 रुपए, तेल 580, प्याज 300… पाकिस्तान में खाने पर संकट, दाल-रोटी के लिए हाहाकार

Flour Rs 3100, Oil 580, Onion 300… Crisis on food in Pakistan, outcry for pulses and roti
Flour Rs 3100, Oil 580, Onion 300… Crisis on food in Pakistan, outcry for pulses and roti
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Pakistan Inflation: पाकिस्तान बहुत बड़े आर्थिक संकट में फंस गया है और शॉपिंग माल्स और बाजारों को रात 8 बजे के बाद बंद करने के बाद पाकिस्तान में खाने-पीने को लेकर गंभीर संकट पैदा हो गया है। पाकिस्तान में आटा-दाल के लिए हाहाकार मचा हुआ है और महंगाई इतनी ज्यादा बढ़ गई है, कि दो रोटी के लिए लोगों को तरसना पड़ रहा है। पाकिस्तान बढ़ते कर्ज, पेट्रोल-डीजल और बिजली के दाम, घटते विदेशी मुद्रा भंडार, वैश्विक मुद्रास्फीति, राजनीतिक अस्थिरता और जीडीपी विकास में मंदी से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ऊर्जा की खपत को बचाने के लिए शॉपिंग मॉल और बाजारों को रात 8:30 बजे तक और रेस्तरां को रात 10:00 बजे तक बंद करने का आदेश देने जैसे सख्त कदम उठा रही है।

पाकिस्तान में खाने का संकट
पाकिस्तान में दाल, आटा, घी, तेल और प्याज जैसी मूलभूत खाद्य सामग्रियों की कीमत इतनी ज्यादा बढ़ गई है, कि आम आदमी के लिए इसे खरीदना जंग लड़ने जैसा हो गया है। पाकिस्तान में आर्थिक संकट इस हद तक बढ़ गया है, कि सरकार ने कुछ दिनों पहले अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास की एक प्रॉपर्टी की नीलामी कर दी। इतना ही नहीं, पाकिस्तान के लाहौर में आटे की भारी किल्लत हो रही है, जहां ज्यादातर दुकानों पर आटा न मिलने से कीमतें आसमान छू रही हैं। एक पाकिस्तानी समाचार आउटलेट एआरवाई न्यूज ने कहा कि, पाकिस्तान में 15 किलो के आटा के पैकेट की कीमत 3000 रुपये से ज्यादा हो गई है। वहीं, डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार की यूटिलिटी स्टोर्स कॉरपोरेशन (यूएससी) के माध्यम से बिकने वाली चीनी और घी की कीमतों में 25 प्रतिशत से 62 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

आटे के लिए मचा हाहाकार
पाकिस्तान के बाजारों में सब्सिडी पर मिलने वाला आटा खत्म हो चुका है और हालात इतने भयावह हो चुके हैं, कि बगैर सब्सिडी वाला आटा खरीदना एक गरीब आदमी के लिए करीब करीब नामुमकिन है। पाकिस्तान का एक परिवार औसतन 8 से 10 लोगों का होता है, लिहाजा एक पैकेट आटा 3 से 4 दिनों तक ही चल पाता है, ऐसे में 3 हजार रुपये के आटा का पैकेट खरीदना, वो भी महीने में कम से कम 8 से 10 पैकेट खरीदना…नामुमकिन सरीखा हो चला है। हालांकि, कुछ जगहों पर सरकार कम कीमतों पर आटा उपलब्ध करवाने की कोशिश कर रही है, लेकिन ऐसे सेंटर्स से आटा खरीदने के लिए लोगों की लाइनें दो-दो दिनों तक लगी रहती है। वहीं, आटा लेने के लिए मची 3 जगहों पर अलग अलग भगदड़ में एक की मौत भी हो गई है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं।

ऊर्जा संकट से भी विकराल स्थिति
इसके अलावा, पाकिस्तान काफी हद तक आयातित ईंधन पर निर्भर है। शहबाज सरकार ने केंद्र सरकार के सभी विभागों को भी ऊर्जा खपत में 30 फीसदी की कमी लाने का आदेश दिया है। देश की सत्ताधारी पार्टी के एक ट्वीट के मुताबिक, ये उपाय देश को 62 अरब पाकिस्तानी रुपये (274 मिलियन डॉलर) बचाने में मदद करने के लिए निर्देशित हैं। वहीं, पाकिस्तान के आर्थिक विशेषज्ञों ने जल्द ही देश की आर्थिक स्थिति के चरमराने की आशंका जताई है और पाकिस्तान की स्थिति श्रीलंका की तुलना में भी बदतर होने की आशंका जताई है। पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स का कहना है, कि इसकी सबसे बड़ी वजह ये है, कि पाकिस्तान की आबादी श्रीलंका की तुलना में काफी ज्यादा है और दूसरी वजह पाकिस्तान के परिवार श्रीलंका की तुलना में काफी ज्यादा बड़े होते हैं।

विदेशी मुद्रा करीब करीब खत्म
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने कहा है, कि दिसंबर में पाकिस्तान का कुल विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर इस साल जनवरी महीने में 6 अरब डॉलर के नीचे आ गया है और अब पाकिस्तान सिर्फ एक महीने ही जरूरी सामानों का आयात कर सकता है। इसके साथ ही आईएमएफ के साथ पाकिस्तान के फिर से मतभेद शुरू हो गये हैं और आईएमएफ चीफ ने शहबाज शरीफ के पाकिस्तान आने के न्योते को ठुकरा दिया है। वहीं, आईएमएफ ने पाकिस्तान को 1.1 अरब डॉलर की नई किस्त देने पर भी रोक लगा दी है। पाकिस्तान ने 2019 में आईएमएफ से 6 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज हासिल किया था और वित्तीय संस्थान पाकिस्तान को पिछले साल अगस्त तक 3.9 बिलियन डॉलर का फंड दे चुका है। लेकिन, हर किश्त लेने के बाद पाकिस्तान आईएमएफ के शर्तों का उल्लंघन कर देता है।

पाकिस्तान के व्यापार घाटे में इजाफा
पाकिस्तान की पीड़ा 2022 में जून से अक्टूबर तक देश में आई बाढ़ का परिणाम भी है, जिसने लगभग साढ़े 3 करोड़ लोगों को प्रभावित किया और रिपोर्टों के अनुसार, माना जाता है कि इससे 30 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है। वास्तव में, बाढ़ ने आयात पर पाकिस्तान की निर्भरता बढ़ा दी, जबकि देश का निर्यात बुरी तरह से गिर गया है। पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, दिसंबर 2022 में देश का व्यापार घाटा 2.8 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया था, वहीं निर्यात 16 प्रतिशत से ज्यादा घटकर 2.3 अरब डॉलर हो गया। इसके अलावा, पाकिस्तानी रुपया भी अमेरिकी डॉलर की तुलना में 2022 में लगभग 30 प्रतिशत गिर रहा है।

जून 2023 तक क्या होगी पाकिस्तान की स्थिति?
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है, कि पाकिस्तान को जून 2023 तक 30 अरब डॉलर से ज्यादा की की बाहरी वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है। और इसमें ऊर्जा और ऋण चुकौती शामिल है। हालांकि, विश्व बैंक द्वारा देश की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को केवल 2 प्रतिशत पर आंका गया है, जो काफी मुश्किल लगता है। विश्व बैंक ने अपनी वार्षिक ऋण रिपोर्ट में अनुमान लगाया है, कि 2021 तक पाकिस्तान का कुल विदेशी ऋण 130.433 अरब डॉलर था। वहीं, पाकिस्तान को जून के बाद भी 13 अरब डॉलर के फंड का जुगार करना होगा, तभी देश चल पाएगा, अन्यता पाकिस्तान डिफॉल्ट कर जाएगा।