इतिहास में पहली बार सेना से सेना की सीधी बात, अमेरिका ने भारत को किया अलर्ट और LAC पर चीन बेबस

For the first time in history, direct talk of army to army, America alerted India and China helpless on LAC
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वॉशिंगटन: अमेरिका और भारत के बीच रिश्ते लगातार बदल रहे हैं। अमेरिकी सेना अब सीधे भारतीय सेना के साथ खुफिया जानकारी शेयर कर रही है। पिछले साल दिसंबर में चीन के साथ अरुणाचल प्रदेश में हुए सीमा संघर्ष के बाद अमेरिका ने भारत की बड़ी मदद की थी। इस कारण भारतीय फौज को चीनी सेना को एलएसी के पीछे ढकेलने में बड़ी मदद मिली थी। खुफिया जानकारी में चीनी सेना की मौजूदगी, उनकी वास्तविक स्थिति, तादाद और हथियार से सबंधित सूचनाएं शामिल थी। अमेरिका ने भारत को हाई क्वालिटी की सैटेलाइट तस्वीरें भी दी थी। इस कारण चीन को अपनी आक्रामक नीति पर फिर से सोचने के लिए मजबूर होना पड़ा था। दावा किया जा रहा है कि चीन को बातचीत की मेज पर लाने के पीछे भारत को बड़े पैमाने पर मिल रही विदेशी मदद बड़ा कारण था। ऐसा पहली बार हुआ है, जब अमेरिका ने इतनी जल्दी दूसरे देश से संबंधित खुफिया जानकारी को भारत के साथ साझा किया है।

अमेरिका ने भारत को दी चीनी सेना की जानकारी

यूएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल अरुणाचल प्रदेश में हुई मुठभेड़ पर नजर रखने वाले अधिकारी के अनुसार, अमेरिकी सरकार ने पहली बार चीनी पोजिशन और फोर्सेज की ताकत के बारे में अपने भारतीय समकक्षों को रीयल टाइम जानकारी साझा की थी। इन जानकारियों में कार्रवाई करने योग्य सैटेलाइट इमेजरी शामिल थी। यह जानकारी अमेरिकी सेना से भारतीय सेना को सीधे तौर पर उपलब्ध करवाई गई थी। इससे पहले खुफिया जानकारियों को कई चैनलों के माध्यम से भारत भेजा जाता था, जिसमें काफी समय लगता था।

9 दिसंबर को हुई थी चीनी सेना के साथ मुठभेड़

9 दिसंबर को भारत और चीनी सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश में मुठभेड़ हुई थी। बड़ी बात यह रही कि इस दौरान कोई सैनिक शहीद नहीं हुआ, हालांकि कई घायल जरूर हुए थे। लेकिन, इस झड़प ने यह जरूर बता दिया कि भारत अपनी जमीन की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से तैयार और चौकन्ना है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि चीनी सैनिक घात लगाकर इंतजार कर रहे थे। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि अमेरिका ने भारत को इसके लिए पूरी तरह से तैयार रहने के लिए सब कुछ गिया था। यह अमेरिकी मदद मिलने के बाद भारतीय सेना के सफलता का एक उदाहरण है कि समय पर जानकारी साझा करने से बड़ी घटना को टाला जा सकता है।

अमेरिका ने भारत को दिया खुला समर्थन

रिपोर्ट में कई वर्तमान और पूर्व अधिकारियों, विश्लेषकों के हवाले से बताया गया है कि अरुणाचल प्रदेश में चीनी सेना के साथ हुए मुठभेड़ में अमेरिका की भूमिका स्पष्ट और पुष्ट थी। उन्होंने दावा किया कि इस दौरान अमेरिकी सेना ने सीधे तौर पर भारतीय सेना को समर्थन दिया था। सहयोग के इस नए युग ने चीनी विस्तारवाद को पीछे धकेलने के लिए मजबूर कर दिया। इससे यह साफ हो गया है कि अमेरिका चीन की महत्वकांक्षाओं पर रोक लगाने के लिए अपने सहयोगी देशों को मदद कर मजबूत कर सकता है।

भारत को चेक कर रहा था चीन

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन में क्षेत्रीय मुद्दों को देखने वाले पूर्व अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि पीएलए आम तौर पर जांच और परीक्षण के चरण में है। वह जानना चाहता है कि भारत कैसे प्रतिक्रिया देता है और क्या करता है। वह यह देखना चाहता है कि भारत क्या-क्या पता लगा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि ये सब चीन के भविष्य के संघर्ष की तैयारी के बारे में है। विक्रम सिंह अब यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस थिंक टैंक के साथ काम करते हैं।