मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन (Mumbai Ahmedabad Bullet Train News) चलाने के लिए समुद्र के भीतर 7 किलोमीटर लंबी सुरंग बनेगी. यह देश में बनने वाली पहली समुद्री सुरंग होगी. NHSRCL ने टेंडर आमंत्रित किए हैं और टेंडर जमा करने की अंतिम तिथि 19 जनवरी, 2023 है. वैसे तो सुरंग 21 किलोमीटर की लंबी होगी लेकिन इसका 7 किमी हिस्सा समुद्र के अंदर होगा. अंडर-सी सुरंग का निर्माण महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बांद्रा- कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा में अंडर ग्राउंड स्टेशन के बीच किया जाएगा. टनल बोरिंग मशीन और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) का इस्तेमाल करके सुरंग का निर्माण किया जाएगा.
मुंबई अहमदाबाद के बीच 508 किमी लंबी भारत की पहली हाई स्पीड रेल लाइन प्रोजेक्ट (Mumbai Ahmedabad Bullet Train Project) का निर्माण कार्य तेज गति से जारी है. ठाणे की खाड़ी में 7 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाए जाने के लिए टेंडर जारी किए गए हैं. देश में पहली बार ट्रेन के लिए समुद्र के अंदर (Undersea Tunnel) सुरंग बनाई जानी है. बुलेट ट्रेन इस सुरंग में 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरेगी. यह सुरंग एक सिंगल ट्यूब में होगी. सुरंग में दो ट्रैक होंगे जो इसमें आने और जाने वाली ट्रेनों के लिए होंगे. इतना ही नहीं, समुद्री सुरंग के आसपास 37 स्थानों पर 39 उपकरण कमरें भी बनाए जाएंगे.
NHSRCL ने पिछले साल नवंबर में भी भूमिगत सुरंग (India’s first Undersea Tunnel) निर्माण कार्यों के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं लेकिन बाद में प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए रद्द कर दिया था. देश की बनने वाली पहली अंडरसी सुरंग जमीन से करीब 25 से 65 मीटर नीचे होगी. सबसे अधिक गहराई शिलफाटा के पास पारसिक पहाड़ी से 114 मीटर नीचे होगी.
NHSRCL से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, बीकेसी (पैकेज C1 के तहत) , विक्रोली और सावली में सुरंग की गहराई क्रमश: 36, 56 और 39 मीटर होगी और तीन शाफ्ट के जरिये निर्माण किया जाएगा. इसी तरह घनसोली में 42 मीटर का इंक्लिनेड शाफ्ट के जरिये समुद्री सुरंग का निर्माण किया जाएगा.
विक्रोली और सावली में सुरंग की गहराई 36, 56 और 39 मीटर जबकि घनसोली में 42 मीटर का झुका हुआ शाफ्ट और शिलफाटा में टनल पोर्टल एनएटीएम टनलिंग विधि के माध्यम से लगभग पांच किमी सुरंग का निर्माण किया जाएगा। सुरंग के निर्माण के लिए 13.1 मीटर व्यास के कटर हेड वाली टनल बोरिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा.
रेल मंत्रालय को उम्मीद है कि साल 2026 में बुलेट ट्रेन का पहला ट्रायल रन होगा. 508 किमी में से 352 किमी मार्ग गुजरात के हिस्से में है. हाई स्पीड कॉरिडोर कुल 12 स्टेशन बनाए जाने हैं. पीएम मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसमें 1.08 लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है.