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मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर कोर्ट में पूर्व परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने सरेंडर किया है। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। दरअसल, पूर्व मंत्री पर 2013 में दंगे के दौरान निषेधाज्ञा उल्लंघन का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी। करीब 3 साल पहले पूर्व मंत्री के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी किया था। इसके मामले को लेकर आज उन्होंने सरेंडर किया है।
2013 में हुआ था दंगा
27 अगस्त 2013 को शाहनवाज और मलकपुरा के सचिन-गौरव की हत्या कर दी गई थी। 28 अगस्त को सचिन और गौरव की अंत्येष्टि से लौटते लोगों ने गांव कवाल में हंगामा और तोड़फोड़ किया। 31 अगस्त को तत्कालीन डीएम ने जिले में धारा-144 लागू कर दी थी। लेकिन इसके बावजूद थाना सिखेड़ा क्षेत्र के नंगला मंदौड़ इंटर कालेज में शोक सभा का आयोजन किया गया।
केंद्रीय मंत्री पर भी दर्ज हुआ था मुकदमा
मामले में तत्कालीन एडीएम इन्द्रमणी त्रिपाठी ने निषेधाज्ञा उल्लंघन के आरोप में मौजूदा केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान और पूर्व परिवहन मंत्री अशोक कटारिया समेत 21 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में अधिकतर आरोपियों के कोर्ट में पेश न होने के कारण वारंट जारी हुए थे।
3 साल पहले जारी हुआ था वारंट
डीजीसी राजीव शर्मा ने बताया कि पूर्व मंत्री अशोक कटारिया के नाम से कोर्ट ने 3 साल पूर्व वारंट जारी किया गया था, लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हो पाए थे। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को पूर्व मंत्री ने सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट (एमपी-एमएलए) कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट के आदेश पर उन्हें हिरासत में लिया गया। पूर्व मंत्री के अधिवक्ता की और से जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिस पर सुनवाई कर कोर्ट ने जमानत दे दी है।