मुजफ्फरनगर। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एवं बागपत सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि वैदिक ज्ञान के बिना जीवन अधूरा है। वेदों का ज्ञान ईश्वरप्रदत्त है। उन्होंने कहा कि यदि अशांति से बचना है तो वेदों की और लौटना होगा। उन्होंने आह्वान किया कि लोग आडंबर रहित जीवन अपनाएं।
वेद पुस्तक नहीं बल्कि ईश्वरीय ज्ञान: सत्यपाल
संतोष विहार स्थित वैदिक संस्कार चेतना केंद्र पर आचार्य गुरुदत्त आर्य का कुशलक्षेम जानने पधारे सांसद डॉ सत्यपाल सिंह ने कहा कि वेद कोई पुस्तक नहीं, बल्कि ईश्वरीय ज्ञान है। पशु-पक्षियों में स्वभाविक ज्ञान होता है। उन्हें पता है कि जीवन कैसे चलाना है। क्या खाना है और क्या नही खाना, किंतु मनुष्यों में ऐसा नहीं है। वेदों के ज्ञान से ही जीवन निर्माण संभव है। देश में वैदिक शिक्षा बढ़ेगी, तभी सत्य, न्याय, सदाचरण और नैतिक मूल्यों की स्थापना होगी।
जो वेद न पढ़ें वे सत्यार्थ प्रकाश पढ़ें
सांसद डा. सत्यपाल सिंह ने कहा कि जो लोग वेद न पढ़ सके, वे ऋषि दयानंद की कृति सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढ़ें। सांसद ने कहा कि यज्ञ, योग और वैदिक शिक्षा के प्रचार में आचार्य गुरुदत्त का जीवन समर्पित रहा है। समाज सुधार के लिए उनकी सेवाएं अमूल्य रही है। पिछड़ा वर्ग आयोग सदस्य जगदीश पांचाल, आर्य प्रतिनिधि सभा प्रधान गजेंद्र सिंह राणा, आंनद पाल सिंह आर्य, आर.पी.शर्मा, ओम प्रकाश धीमान, योग प्रशिक्षक सुरेंद्र पाल आर्य, योगेश्वर दयाल, प्रधानाचार्य अनिल आर्य, अधिवक्ता सुघोष आर्य, डॉ. नीरज शास्त्री, आदित्य आर्य, राजबीर सिंह भौरा, पूर्व बैंक प्रबंधक जनेश्वर प्रसाद आर्य, राजेंद्र प्रसाद आदि मौजूद रहे।