मुर्दों से दोस्ती, कब्रिस्तान में रात और इंसानी खून का स्वाद…वो है वैंपायर ऑफ पेरिस

Friendship with the dead, night in the cemetery and the taste of human blood...she is the Vampire of Paris
Friendship with the dead, night in the cemetery and the taste of human blood...she is the Vampire of Paris
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नई दिल्ली: 22 मार्च 1972 के दिन अफ्रीका के कैमरून (Cameroon, Africa) में निको क्लॉक्स (Nico Claux) का जन्म हुआ. उसके माता-पिता दोनों फ्रेंच थे और काम के सिलसिले में यहां रह रहे थे. निको के पिता कंप्यूटर टेक्नीशियन थे. इसलिए काम के सिलसिले में उन्हें अपनी लोकेशन बार-बार बदलनी पड़ती. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि इसका निको पर कितना बुरा असर पड़ने वाला है. दरअसल, निको जब 6 साल का हुआ, तब तक वह पिता की पोस्टिंग के कारण अफ्रीका और इंग्लैंड जैसे देशों में अपना समय बिता चुका था. लेकिन थोड़े ही समय में एक के बाद एक जगह बदलने के कारण निको का कोई दोस्त नहीं बन पाया.

वहीं, उसकी मां भी उसकी अच्छे से देखभाल नहीं करती. उसे निको से कोई मतलब नहीं था. वह जब भी अपनी मां से कोई बात करना चाहता तो वह उसे भगा देती. उसके पिता अक्सर टूर पर ही रहते. निको बस अपने दादा के साथ समय बिताता. एक दिन बैडमिंटन खेलते समय निको के दादा की हार्टअटैक से मौत हो गई. उस समय निको की उम्र महज 10 साल थी. लेकिन उसके माता-पिता ने निको पर ही इल्जाम लगा दिया कि तुमने ही अपने दादा को मारा है. फिर जब पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला कि उनकी मौत हार्टअटैक से हुई है.

दादा की मौत का गहरा असर
दादा की मौत ने निको पर इतना गहरा असर छोड़ा कि वह अक्सर उनकी कब्र के पास जाकर कभी खुदाई करके उनके हाथ बाहर निकाल लेता, तो कभी पांव. फिर बाद में मिट्टी से दोबारा कब्र को ढक देता. इसी बीच निको की मां ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उनका बेटा बड़ी ही अजीबोगरीब हरकतें करता है. यहां तक कि वह उन पर भी जानलेवा हमला कर देता है. लेकिन पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जिसके कारण निको की हरकतें और बढ़ने लगीं. वह हत्या, सुसाइड और शैतानों से संबंधित किताबें पढ़ने लगा. फिर एक किताब में उसने जापान के आदमखोर की कहानी पढ़ी जिसका नाम इसे सोगावा था. निको ने इस शख्स को ही अपना गुरु मान लिया. उसका सपना था कि वह बड़ा होकर उसी की तरह बने.

कब्रिस्तान में कब्रों के साथ सोने लगा निको
समय बीतता गया और निको का परिवार पुर्तगाल शिफ्ट हो गया. यहां निको ने हाईस्कूल ज्वाइन किया. लेकिन उस स्कूल में बच्चे उसे बहुत परेशान करते थे. निको जब इससे काफी परेशान हो गया को उसने तय कर लिया कि अगर कोई भी उसे तंग करेगा तो वह उसकी हत्या ही कर डालेगा. स्कूल में भी वह एनाटोमी (Anatomy) की किताबें पढ़ने लगा. हद तो तब हो गई जब वह रात-रात को कब्रिस्तान में जाने लगा और वहां से कब्रों को खोदकर इंसानों के शरीर को काटकर उनके टुकड़े कर देता. यहां तक कि वह पूरी-पूरी रात कब्रों के साथ सोने लगा और मुर्दों से बातें भी करता. उसका मानना था कि जिंदा लोग उसके लिए नहीं बने हैं. मरे हुए लोग ही उसके दोस्त हैं.

इंसानी खून पीता था निको
हाईस्कूल पूरा होते ही निको का परिवार फ्रांस शिफ्ट हो गया. निको ने यहां आर्मी ज्वाइन कर ली. यहां उसे सैनिकों की बंदूकों को संभालने का काम मिला. नौकरी करते हुए निको ने कई बंदूकें वहां से चुरा लीं और अपने घर ले आया. फिर उसने आर्मी की नौकरी छोड़ दी और वहीं एक यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेकर साइकोलॉजी की पढ़ाई करने लगा. एक साल बाद पढ़ाई खत्म करके निको एक अस्पताल में नौकरी करने लगा. यहां उसका काम था पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स की मदद करना. यहां जब भी किसी शव का पोस्टमार्टम होता तो निको उस शव को बाद में अपने पास रख लेता और उनके शरीर के टुकड़ों को खा भी जाता. वह यहां ब्लड बैंक से भी कई बार खून की थैलियां चुराकर घर ले जाता और वहां उन्हें पी जाता. वह इंसानी खून को प्रोटीन मानता था.

थियरी बेजनियर की हत्या
फिर दिन आया 15 नवंबर 1994 का. जब निको क्लॉक्स (Nico Claux) को पेरिस में उसके अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया. दरअसल, उस पर हत्या और चोरी का इल्जाम था. जानकारी के मुताबिक, निको ने थियरी बेजनियर (Thierry Bissonnier) नामक शख्स की उसके ही अपार्टमेंट में जाकर गोली मारकर हत्या कर दी थी. फिर उसका क्रेडिट कार्ड चुराकर उसने शॉपिंग भी की. पुलिस को जैसे ही इस बात का पता चला तो वह हरकत में आई और निको के अपार्टमेंट में जा पहुंची. लेकिन पुलिस के होश तब उड़ गए जब उन्होंने निको के कमरे में कई इंसानी कंकालों को पड़ा देखा.

दीवारों पर थीं शैतान की पेंटिंग्स
तलाशी ली गई तो पुलिस को और भी कई ऐसी चीजें मिलीं जिससे वह भी दंग रह गई. निको के घर में इंसानी पैर मिले जिन्हें हड्डियों समेत काटकर लटकाया हुआ था. उनसे अभी भी खून निकल रहा था. फिर उन्हें एक बॉक्स के अंदर इंसानों के दांत मिले. दर्जनों वीडियो टेप्स मिलीं जिसमें बताया गया था कि मर्डर किस तरह करना चाहिए. पूरे घर की दीवार पर शैतान की पेंटिंग्स बनी थीं. मर्डर करने के तरीकों की पेंटिंग्स बनाई गई थीं.

फ्रिज में मिले इंसानी मांस के टुकड़े
घर की और छानबीन की गई तो पुलिस को फ्रिज में इंसानी मांस के टुकड़े पड़े मिले और फ्रीजर में तो निको ने कई थैलियों के अंदर खून रखा हुआ था. यह सब देखकर पुलिस का भी दिल दहल गया. शुरुआत में जब निको से पूछताछ की गई तो उसने सिरे से इनकार कर दिया कि उसे इसके बारे में कुछ भी पता है. लेकिन जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने पहला कत्ल कबूल कर लिया.

थियरी की हत्या कर पहुंचा शॉपिंग करने
उसने बताया कि वह थियरी बेजनियर से मिनिटेल पर मिला था. बता दें, मिनेटेल 90 के दशक में सोशल मीडिया के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. निको ने बताया कि थियरी से जब उसकी दोस्ती हुई तो उसने उसे अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में बताया. निको को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई क्योंकि उसे लगा कि उसे कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं मिलती. दोनों के बीच दोस्ती होने के कुछ दिन बाद थियरी ने निको को अपने घर बुलाया. 4 अक्टूबर 1994 की रात निको थियरी के घर पहुंचा. वह साथ में बंदूक और चाकू भी लेकर गया था.

निको ने एक ही हत्या की बात कबूली
जैसे ही निको थियरी के घर पहुंचा उसने बंदूक से गोली चालकर थियरी की हत्या कर डाली. फिर वहां से उसका क्रेडिट कार्ड चुराया और शॉपिंग करने मॉल पहुंच गया. यहां उसने एक कैमरा खरीदा. लेकिन इसी गलती से वह फंस गया और पुलिस को निको के बारे में पता लग गया. बाद में उसे गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया. निको ने कोर्ट के सामने बस एक ही हत्या की बात कबूली. उसने बताया कि घर में रखे कंकाल उन लोगों के हैं जिनका अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया था. या फिर उन लोगों की लाशें हैं जिन्हें वह कब्रिस्तान से चुराता था.

कोर्ट ने सुनाई 12 साल की सजा
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने निको को थियरी की हत्या के लिए 12 साल की सजा सुनाई. लेकिन उसने सिर्फ 8 साल की ही सजा काटी और 2002 में उसे वहां से रिहा कर दिया गया. इसके बाद उसने कई इंटरव्यू भी दिए. इनमें से फिल्म मेकर स्टीवेन स्कोलर की तो निको से दोस्ती भी हो गई. स्कोलर ने बताया कि उनमें और निको में काफी समानताएं हैं. दोनों एक ही उम्र के हैं. दोनों की संगीत की पसंद भी एक सी है, वो मजाकिया भी है. स्कोलर ने बताया कि निको एक बार उन्हें कब्रिस्तान भी लेकर गया, जहां से वो लाशें चुराता था. बाद में दोनों डिनर पर भी गए. इससे स्कोलर को हत्यारों की मानसिकता समझने में मदद मिली. बता दें, निको क्लॉक्स को ‘The Vampire Of Paris’ के नाम से भी जाना जाता है. निको ने खुद पर एक किताब भी लिखी है ‘The Gospel of Blood’.