इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा पर अवाम गुस्से में है। लोग सेना प्रमुख से सवाल पूछ रहे हैं कि आपने हिंसा को रोकने के लिए क्या किया। इमरान खान के समर्थकों ने पूरे देश में सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया, इसके बावजूद सेना ने कार्रवाई नहीं की। लोग सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की विदेश यात्रा से भी नाराज हैं। उनका कहना है कि देश पर संकट आया हुआ है और जिसके पास रक्षा की जिम्मेदारी है, वह विदेश के दौरे पर है। कई लोगों ने इस हिंसा के पीछे एक सोची-समझी साजिश का शक भी जताया है।
कहां घूम रहे हैं पाकिस्तानी सेना प्रमुख
पाकिस्तानी सेना प्रमुख इन दिनों कतर के आधिकारिक दौरे पर हैं। उन्होंने कतर के अमीर शेख तमीम इब्न हमद अल थानी से मुलाकात की है। इस यात्रा का उद्देश्य कतर के साथ रणनीतिक साझेदारी को विकसित करना है। इसके अलावा पाकिस्तान अपने आर्थिक संकट को कम करने के लिए कतर से आर्थिक सहायता की भी अपील कर रहा है। अगर कतर से पाकिस्तान को आर्थिक मदद मिलती है तो उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज पाने में आसानी होगी। हालांकि कतर ने अभी तक पाकिस्तान को आश्वासन नहीं दिया है।
पीएम शहबाद तीन दिन बाद पाकिस्तान लौटे
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के एक दिन पहले ही ब्रिटेन चले गए थे। इस दौरान वे अपने बड़े भाई और भगोड़े की जिंदगी गुजार रहे नवाज शरीफ से मुलाकात की। शहबाज के देश से बाहर जाने के बाद इमरान खान को गिरफ्तार किया गया। ऐसे में हिंसा के बावजूद पाकिस्तान को संभालने वाला कोई नहीं था। संभावना है कि शहबाज शरीफ अब देश को संबोधित कर सकते हैं।
पाकिस्तानी सेना ने इमरान को कोसा
बाद में पाकिस्तानी सेना के प्रॉपगैंडा विंग के प्रमुख डीजी आईएसपीआर इफ्तिखार बाबर ने कहा कि सेना पर हमला एक सुनियोजित साजिश थी। इसका मकसद पाकिस्तान को गृह युद्ध की आग में ढकेलना था। उन्होंने सेना के धैर्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर तुरंत रिएक्शन दिया गया होता तो देश में और अधिक अराजकता होती। आईएसपीआर ने यह भी कहा कि दंगाइयों की पहचान कर ली गई है और सभी अपने किए के परिणाम को भुगतेंगे।