रैपिड ट्रेन के यात्रियों के लिए खुशखबरी, हर दो स्टेशनों के बीच होगी लैंडिंग की व्यवस्था

Good news for the passengers of rapid train, landing will be arranged between every two stations
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नई दिल्ली। Rapid Train: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कारिडोर पर दो स्टेशनों के बीच भी रैपिड ट्रेन से उतरने की व्यवस्था होगी। आपात परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एलिवेटेड और भूमिगत दोनों ही ट्रैक पर निकासी के लिए अलग प्रविधान किया जा रहा है। इस व्यवस्था के माध्यम से यात्रियों को सीधे नजदीकी सड़क तक पहुंचाया जाएगा।

इस दिशा में एनसीआर परिवहन निगम ने टेंडर अवार्ड कर दिया है और इस पर काम भी शुरू हो गया है।जानकारी के मुताबिक दिल्ली मेट्रो में सभी स्टेशन बमुश्किल एक से डेढ़ किमी की दूरी पर है। इसीलिए आपात परिस्थितियों में यात्रियों को ट्रैक से उतारकर पटरी के साथ-साथ ही चलाकर निकालने का प्रविधान है। लेकिन आरआरटीएस कारिडोर पर स्टेशन चूंकि पांच से छह किमी की दूरी पर होंगे, इसलिए ट्रैक के सहारे यात्रियों को इतना लंबा चलाना संभव नहीं हो पाएगा।

लिहाजा, हर दो स्टेशनों के लिए आपातकालीन निकासी की व्यवस्था की जा रही है।जानकारी के मुताबिक 82 किमी लंबे कारिडोर पर सराय काले खां से मेरठ तक 70 किमी लंबे एलिवेटिड कारिडोर पर हर दो स्टेशनों के बीच 16 ऐसी आपातकालीन निकास तैयार किए जाएंगे। वहीं 12 किमी लंबे भूमिगत ट्रैक पर हर 250 मीटर दूरी पर यात्रियों को दूसरी सुरंग तक ले जाने के लिए एक क्रास पैसेज बनाया जाएगा।

यह आपातकालीन निकास प्रणाली कारिडोर के वायाडक्ट के ट्रैक स्तर से शुरू होगी एवं सीढ़ियों की मदद से सड़क के स्तर तक जाएगी। इस प्रणाली में रैम्प, सीढ़ियों और फुट ओवर ब्रिज आदि का भी निर्माण किया जाएगा। एनसीआर परिवहन निगम के अधिकारियों के मुताबिक कारिडोर के साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी लंबे शुरुआती के लिए चार रैम्प का निर्माण शुरू कर दिया गया है।

इस कारिडोर पर एलिवेटेड सेक्शन की ऊंचाई जगह के अनुसार अलग- अलग है। ऐसे में इन रैम्प की ऊंचाई एवं ढलान ट्रैक की ज़मीन से ऊंचाई पर निर्भर करेगी। भूमिगत कारिडोर में आपातकालीन निकास प्रणाली के लिए लगभग हर 250 मीटर पर एक क्रास-पैसेज के साथ ही आरआरटीएस सुरंगों में हवा का आवागमन सुनिश्चित करने के लिए वेंटिलेशन शाफ्ट भी बनाया जा रहा है।

इसमें 60 सेमी-90 सेमी चौड़ा एक साइड वाकवे भी होगा। यह शाफ्ट रखरखाव की गतिविधियों में सहायता प्रदान करने के साथ-साथ आपातकालीन निकास के रूप में भी कार्य करेगा।एनसीआर परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि आरआरटीएस कारिडोर में यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि आपातकालीन स्थिति में यह निकास मार्ग आटोमैटिक रूप से सक्रिय हो जाएगा। अन्य सामान्य दिनों में यह तंत्र यात्रियों की पहुंच से बाहर रहेंगे।