हरियाणा में शिक्षकों और छात्रों के विरोध के बाद झुकी सरकार, 10 यूनिवर्सिटी को…

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कुरुक्षेत्र: ऑल हरियाणा यूनिवर्सिटी एंप्लाइज फेडरेशन (AHUEF) ने एक विशेष बैठक हुई थी, जिसमें प्रदेशभर की यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने 16 मांगों को लेकर आंदोलन की बात कही थी. इसके बाद हरियाणा सरकार ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों को कर्ज देने के फैसले को बदल दिया. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के प्रधान राम कुमार गुज्जर और कुंटिया महासविच अनिल लोहट ने कहा कि विरोध के चलते अब प्रदेश की 10 यूनिवर्सिटी को ग्रांट जारी कर दी है.

इसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कर्मचारियों में उत्साह है. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि आखिरकार सरकार को सद्बुद्धि आई कि उसने कर्मचारियों को आंदोलन करने से रोक लिया. हरियाणा सरकार ने वापस लिया फैसला और प्रदेश की 10 यूनिर्वसिटी को लोन की बजाय ग्रांट जारी कर दी. इससे पहले सरकार के वित्त विभाग ने 29 अप्रैल को जारी पत्र में यूनिवर्सिटी को ग्रांट नहीं, बल्कि 147.75 करोड़ का कर्ज देने की बात कही थी. इसके बाद सरकार के इश फैसले का विरोध शुरू हो गया. 2022-23 के लिए यूनिवर्सिटी को यह पैसा पहली किस्त के तौर पर जारी किया जाना था.

शिक्षकों और छात्रों ने खोला मोर्चा
हरियाणा सरकार के वित्त विभाग ने अप्रैल महीने में एक पत्र जारी करके यूनिवर्सिटी को जारी होने वाले ग्रांट पर रोक लगाते हुए कर्ज देने की प्रथा शुरू की थी, जिसके विरोध में राज्य की 13 यूनिवर्सिटी से जुड़े अध्यापक संगठन, गैर शिक्षक संघ और छात्र संगठनों ने हड़ताल की थी. इसके परिणामस्वरूप सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा.

गुरुवार को ऑल हरियाणा यूनिवर्सिटी एंप्लाइज फेडरेशन की विशेष बैठक फेडरेशन के चेयरमैन रामकुमार गुर्जर की अध्यक्षता में हुई थी. यह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (KU) गैर शिक्षक कर्मचारी संघ कुंटिया कार्यालय में हुई थी. बैठक का संचालन महासचिव अनिल लोहट ने किया, उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को कर्मचारियों के हितों के लिए योजनाएं बनानी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेशभर की यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों की जो भी लंबित मांगें हैं, उनको लेकर जल्द ही आंदोलन किया जाएगा. ताकि उन्हें जल्द पूरा करवाया जा सके.