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नई दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को निजी टेलीविजन चैनलों को परामर्श जारी कर कहा कि उन्हें उत्तराखंड के सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के बचाव अभियान से जुड़ी खबरों को सनसनीखेज बनाने से बचना चाहिए.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श में निजी समाचार चैनलों से कहा गया है कि वे अपनी खबरों के प्रसारण के दौरान संवेदनशील रहें, खासकर बचाव कार्यों से जुड़ी खबरों की हेडलाइन और वीडियो में. परामर्श में कहा गया है कि सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों के परिवारों के सदस्यों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर इन खबरों का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
पड़ सकता है अभियान पर भी प्रतिकूल प्रभाव
इसमें कहा गया है कि बचाव अभियान से जुड़े वीडियो फुटेज और अन्य तस्वीरों के प्रसारण से मौजूदा अभियान पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. परामर्श में टीवी चैनलों से कहा गया है कि वे इस मुद्दे को सनसनीखेज बनाने और सुरंग के आसपास चल रहे बचाव अभियान का सीधा प्रसारण करने से परहेज करें. इसमें समाचार चैनलों से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कैमरामैन, संवाददाताओं या विभिन्न उपकरणों की उपस्थिति से बचाव अभियान किसी भी तरह से बाधित नहीं हो.
सुरंग में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित
सिल्क्यारा सुरंग के भीतरपिछले 10 दिन से अंदर फंसे हुए 41 मजदूर सुरक्षित हैं. इस खबर से मजदूरों के परिजनों को बड़ी राहत मिली है, उनका कहना है कि अब हमारी उम्मीद जागी है. बता दें कि इन्हें बाहर निकालने के लिए सभी प्रयास जारी हैं. बचावकर्ताओं ने सभी श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग के अंदर एक पाइपलाइन बिछाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. विदेशों से सुरंग बनाने वाले विशेषज्ञों सहित विभिन्न एजेंसियों को युद्धस्तर पर लगाया गया है.