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नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को गरीबों को मुफ्त अनाज देने की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि तीन माह यानी दिसंबर, 2022 तक बढ़ा दी है. इसपर 44,700 करोड़ रुपये की लागत आएगी. माना जा रहा है कि महंगाई से गरीबों को राहत देने के अलावा गुजरात विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह निर्णय किया गया है.
इतने महीने के लिए बढ़ाई गई मुफ्त राशन योजना
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में योजना तीन महीने बढ़ाने का निर्णय किया गया. उन्होंने कहा कि योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों को पांच किलो गेहूं और चावल हर महीने दिया जाता है. यह योजना शुक्रवार 30 सितंबर को समाप्त हो रही थी. इसे तीन महीने यानी अक्टूबर से दिसंबर, 2022 तक के लिये बढ़ाया गया है. आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘ऐसे समय में जब दुनिया कोविड महामारी और अन्य कारणों से उत्पन्न विभिन्न समस्याओं से जूझ रही है, भारत ने आम लोगों के लिये चीजें सुलभ रखने को लेकर आवश्यक कदम उठाते हुए कमजोर वर्गों के लिये खाद्य सुरक्षा को सफलतापूर्वक बनाए रखा है.’’
इसमें कहा गया है, ‘‘महामारी के दौरान लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. इसको देखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) तीन महीने के लिये बढ़ाने का फैसला किया है ताकि गरीब और समाज के वंचित तबके को त्योहारों के दौरान मदद मिले और कोई समस्या नहीं हो.’’
इस योजना पर अबतक खर्च हुए इतने करोड़ रुपये
योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के अंतर्गत आने वाले सभी लाभार्थियों को हर महीने पांच किलो अनाज प्रति व्यक्ति दिया जाता है. ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पीएमजीकेएवाई के अप्रैल, 2020 में शुरू होने के बाद अबतक इसपर 3.45 लाख करोड़ रुपये खर्च किये हैं. उन्होंने कहा कि योजना को तीन महीने के लिये बढ़ाये जाने से अतिरिक्त 44,762 करोड़ रुपये खर्च होने से इस पर कुल व्यय लगभग 3.91 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. ठाकुर ने कहा कि एक अक्टूबर से तीन महीने के दौरान गरीबों को 122 लाख टन खाद्यान्न मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा. कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ से प्रभावित गरीबों को राहत देने के लिये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अप्रैल, 2020 में लायी गयी थी.