सरकार के इस प्रस्ताव से पहलवानों पर उल्टा पडा दांव, इस सवाल पर साध गये चुप्पी, यहां देंखे

Government's proposal backfired on wrestlers, silence on this question, see here
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नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के बृजभूषण सिंह खिलाफ पहलवानों के द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन ने एक नया मोड़ ले लिया है। बजरंग पूनिया, साझी मलिक, विनेश फोगाट और अंशू मलिक जैसे पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर यौन शोषण का आरोप लगाया है और बृजभूषण सिंह को बर्खास्त करने की मांग की है। इस मांग को लेकर देश के टॉप रेसलर्स दिल्ली के जंतर मंतर पर तीन दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अब तक इसका कोई हल नहीं निकल पाया है। इस बीच खेल मंत्री अनुराग ठाकुर भी 19 जनवरी की रात को पहलवानों से अपने आवास पर मुलाकात की।

एक तरफ पहलवान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं कि बृजभूषण सिंह को हर हाल में उनके पद से हटाया जाना चाहिए तो दूसरी ओर सरकार यह कहकर मामले को शांत करने की कोशिश में है कि वह चुने हुए प्रतिनिधि हैं और उन्हें बिना किसी ठोस सबूत के पद से नहीं हटा सकते हैं।

क्या सबूत पेश नहीं कर पाए पहलवान?

महिला पहलवान विनेश फोगाट ने 19 जनवरी को हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था बृजभूषण सिंह के खिलाफ उनके पास यौन सोशल का सबूत है। वह समय आने पर उसे पेश करेंगी लेकिन मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पहलवानों की तरफ से सरकार के समक्ष किसी तरह का कोई ठोक सबूत पेश नहीं किया गया है। इस कारण से भी बृजभूषण सिंह को अभी तक बर्खास्त नहीं किया गया है।

विनेश फोगाट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि, ‘कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह दो मिनट भी मेरे से आंख में आंख डालकर बात नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कई लड़कियों का करियर बर्बाद किया है। मेरे पास उनके काले कारनामों का पूरा सबूत है। उनके पाप का घड़ा अब भर चुका है।’

बृजभूषण ने आरोपों पर क्या कहा?

वहीं दूसरी तरफ बृजभूषण सिंह ने खुद पर लगे आरोप को पूरी तरह से बेबुनियाद करार दिया है। कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने कहा कि जो भी पहलवान मुझ पर आरोप लगा रहे हैं वह मेरे खिलाफ सबूत पेश करें। बृजभूषण ने कहा, ‘ये जो भी पहलवान मेरा विरोध कर रहे हैं वह एक कुनबे से संबंधित हैं और उनके पीछे किसी ना किसी का हाथ है जिसके कारण वह मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। उनके पास कोई सबूत नहीं है।’

दूसरी ओर सरकार ने और प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों के बीच लगातार बातचीत का दौर जारी है और बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में जांच चलने तक बृजभूषण सिंह अपने पद पर बने रहेंगे।