मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर दिशा निर्देश जारी, यहां देखें

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भोपालः मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर दिशा निर्देश जारी हो गए हैं.नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने सभी कलेक्टरों को वार्ड आरक्षण के लिए ये गाइडलाइंस जारी की हैं. इन निर्देशों के तहत निकाय चुनाव में एससी-एसटी के लिए आरक्षण की व्यवस्था पूर्व की तरह रहेगी लेकिन ओबीसी के लिए नए सिरे से सीटें आरक्षित की जाएंगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक किसी भी स्थिति में आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी.

आरक्षण को लेकर ये हैं निर्देश
निर्देशों के अनुसार, किसी निकाय में अनुसुचित जाति, अनुसूचित जनजाति का आरक्षण मिलकर 50 फीसदी या उससे ज्यादा है तो वहां ओबीसी आरक्षण शून्य होगा.
अगर किसी निकाय में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का आरक्षण मिलाकर 50 फीसदी से कम है तो उस निकाय में अधिकतम 50 फीसदी तक ओबीसी का आरक्षण होगा.
वहीं अगर किसी निकाय में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का कुल आरक्षण 50 फीसदी से कम है तो उस निकाय में ओबीसी आरक्षण ओबीसी की आबादी से ज्यादा नहीं होगा.

ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर होगा आरक्षण
बता दें कि मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की अनुशंसा के अनुसार ही अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए वार्डों को आरक्षित किया जाएगा. साथ ही किसी भी निकाय में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 35 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा. गौरतलब है कि ओबीसी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में राज्य में ओबीसी को 35 फीसदी आरक्षण देने की अनुशंसा की थी.

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने सभी कलेक्टरों को 24 मई तक आरक्षण की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद 25 मई को राज्य निर्वाचन आयोग को यह रिपोर्ट भेजी जाएगी. जिन नगरीय निकायों में ओबीसी के लिए सीटें बढ़ाई जानी हैं, वहां शेष सामान्य सीटों पर लॉटरी निकालकर आरक्षण दिया जाएगा. नगर पालिका पन्ना, गढ़ाकोटा, मलाजखंड और खुरई की सीमाओं में बदलाव हुआ है, इसलिए यहां नए सिरे से परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया होगी. निर्देशों के अनुसार, राज्य के 317 निकायों में एमपी पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की अनुशंसा के अनुसार ओबीसी आरक्षण की कार्यवाही होनी है.