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जयपुर. राजस्थान में लगातार हो रही बारिश के कारण मौसम में ठंडक बनी हुई। हालांकि, किसानों के लिए ये चिंता का सबब बना हुआ है।
राजस्थान में देर रात एक बार फिर बारिश के साथ ओले गिरे। बीकानेर में अचानक बदले मौसम के बाद घने बादल छा गए। साथ ही रात करीब 9 बजे बारिश हुई।
वहीं, बाड़मेर के आसपास भी बारिश हुई। राजस्थान के कुछ जिलों में भले ही बारिश-ओलावृष्टि थम गई है, लेकिन कहीं-कहीं बादल छाए रहे। अब एक दिन राहत के बाद 23 मार्च से फिर बारिश और ओले गिरेंगे।
दरअसल, राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिकल सर्कुलेशन सिस्टम बन रहा है। इसके कारण जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, भरतपुर और जयपुर संभाग के जिलों में 23 से 25 मार्च तक तेज हवा चलने के साथ बारिश और कहीं-कहीं ओलावृष्टि होने की संभावना है। इससे किसानों की परेशानी बढ़ सकती है।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश-ओलावृष्टि का ये दौर 25 मार्च की शाम से थमने लगेगा। 26 मार्च से मौसम साफ होने के साथ गर्मी का असर बढ़ने लगेगा।
जयपुर मौसम केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि इस सिस्टम का असर 24 मार्च को बीकानेर, जयपुर और भरतपुर संभाग के हिस्सों में देखने को मिलेगी, लेकिन 25 मार्च से इस सिस्टम का असर कम होने लगेगा और बारिश-ओलावृष्टि की गतिविधियां कम होने लगेगी।
पश्चिमी राजस्थान में बारिश
राजस्थान में मंगलवार देर शाम बाड़मेर, जैसलमेर, गंगानगर में देर शाम बारिश हुई। इससे पहले बाड़मेर में कल दिन का अधिकतम तापमान करीब 4 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 33 पर पहुंच गया था, जिससे यहां गर्मी थोड़ी बढ़ गई थी।
शाम होते ही मौसम में बदला और यहां करीब 1MM बारिश हुई। यही मौसम जैसलमेर में भी देखने को मिला, जहां दिन में गर्मी थी, लेकिन देर शाम बारिश के बाद वहां भी ठंडक हो गई। वहीं गंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर जिले के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश के साथ ओले भी गिरे।
बीकानेर में तो आधे घंटे के दौरान 16MM बरसात हो गई, जो जिले में सात साल बाद मार्च के महीने में हुई सबसे अधिक बारिश है। इससे पहले साल 2015 में 21MM बारिश बीकानेर में दर्ज हुई थी। यहां तेज बारिश के साथ कई जगह ओले भी गिरे। लूणकरणसर में सबसे ज्यादा बारिश और ओले गिरे। बारिश के बाद यहां रात में सर्दी बढ़ गई और तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।
वहीं, बाड़मेर में भी लगातार हो रही बारिश, ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। सालभर मेहनत कर बोई फसलों पर चंद मिनटों में बारिश ने पानी फेर दिया। किसानों की फसलें पानी पर तैरने लगी। सबसे ज्यादा नुकसान ईसबगोल की फसल को हुआ है।
ईसबगोल की फसल शत प्रतिशत खराब हो गई। जीरे में 50 से 60 फीसदी तक नुकसान हुआ है। पिछले तीन दिन से अलग-अलग हिस्सों में बारिश हुई है।
शहर में हल्की बूदाबांदी के बाद कुछ मिनट तक तेज बारिश हुई। इससे शहर की सड़कों पर पानी बहने लग गया। वहीं, जगह-जगह कीचड़ भी हो गया।