हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, अगर खाद की जगह कुछ और दिया तो होगा लाइसेंस रद्द

Haryana government's big decision, if something else is given instead of fertilizer, the license will be canceled
Haryana government's big decision, if something else is given instead of fertilizer, the license will be canceled
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यमुनानगर: देश में रबी सीजन की फसलों की बुवाई शुरू हो गई है. किसान खाद खरीदने के लिए बाजार जा रहे हैं. स्टेट गवर्नमेंट ने भी खाद बिक्री के लिए केंद्र बनाए हैं. वहां से डीएपी, यूरिया और अन्य खाद खरीद सकते हैं. किसानों को खाद सब्सिडी पर दिया जा रहा है. वहीं, कुछ स्टेट मेें शिकायत मिली हैं कि किसानों को खाद के साथ अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इसी को लेकर अब Haryana Government ने कदम उठाया है. अब मनमानी करने वाले खाद विक्रेताओं की खैर नहीं होगी.

खाद के साथ दूसरा सामान दिया तो लाइसेंस होगा सस्पेंड
Haryana में किसानों की शिकायत मिली है कि खाद विक्रेता खाद के साथ दूसरे सामान भी थोप रहे हैं. इसे देखते हुए स्टेट गवर्नमेंट ने सख्त कदम उठाया है. रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने सभी कृषि एंव किसान कल्याण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को निर्देशित किया गया है कि किसान को सब्सीडी युक्त खाद के साथ अन्य प्रॉडक्ट देना इलीगल है. इससे किसानों पर अनावश्यक इकॉनामिक बोझ पड़ रहा है. दरअसल, खाद के साथ कुछ अन्य प्रॉडक्ट कंपनियां विक्रेताओं को दे देती हैं. विक्रेता इन्हीं सामानों को किसानों को खरीदने के लिए मजबूर करते हैं.

जबरन थमा रहे 240 रुपये का नैनो यूरिया
हरियाणा के यमुनानगर से भी किसानों की शिकायतें मिल रही हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिले में 635 खाद व दवाई विक्रेताओं के लाइसेंस हैं. यहां 70 हजार से अधिक किसान खेतीबाड़ी से जुड़े हैं. चालू सीजन में करीब 65 हजार एमटी व डीएपी की करीब 10 हजार एमटी की यूरिया की खपत हो जाती है. यदि मांग बढ़ जाए तो विक्रेता अन्य प्रॉडक्ट किसानों को थमाना शुरू कर देते हैं. इस बार कंपनियों की ओर से डीएपी के साथ नैनो यूरिया दिया गया. डीएपी के एक बैग की कीमत 1350 रुपये है. नैनो यूरिया की कीमत 240 रुपये हैं. नियम से चलें तो किसान को केवल 1350 रुपये का डीएपी ही खरीदना होगा. लेकिन विक्रेता जबरन 240 रुपये का नैनो यूरिया भी किसान को थमा देते हैं.

केंद्र सरकार के पास फर्टिलाइजर की कमी नहीं
केंद्र सरकार फर्टिलाइजर की उपलब्ध राज्य सरकारों को सब्सिडी पर करा रही हैं. हालांकि प्रॉडक्शन में जरूर कुछ कमी आई हैं. लेकिन केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि देश में फर्टिलाइजर की कोई कमी नहीं है. किसान आवश्यकतानुसार उर्वरक का प्रयोग करें. कोई भी विक्रेता या किसान फर्टिलाइजर को स्टॉक न करें. जिस तरह के कदम हरियाणा में उठाए गए हैं. संभावना जताई जा रही है कि किसानों की परेशानी को देखते हुए अन्य राज्य सरकारें भी यह कदम उठा सकती हैं.