सीएम खट्टर ने CM अमरिंदर से मांगा इस्तीफा, लगाया ये गंभीर आरोप

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चंडीगढ़: किसान आंदोन को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा कांग्रेस के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा है। मनोहर लाल खट्टर ने इन दोनों नेताओं पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को उकसाने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले साल मानसून सत्र के दौरान केंद्र की ओर से पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में हरियामा का कोई किसान दिल्ली बॉर्डर पर नहीं गया था।

मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पंजाब में वह (कैप्टन अमरिंदर सिंह) जबकि हरियाणा में (भूपिंदर सिंह) हुड्डा साहब और अन्य कांग्रेसी नेता किसानों को भड़का रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने खट्टर के हवाले से कहा कि किसी को भी अनिश्चित काल तक के लिए सड़कों को अवरुद्ध करने का अधिकार नहीं है। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि दिल्ली के टिकरी और सिंघू सीमा पर 85 फीसदी किसान पंजाब से हैं।

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, खट्टर ने दावा किया कि किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मिठाई की पेशकश करते हुए कहा कि पंजाब सरकार किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल है। खट्टर ने कैप्टन अमरिंदर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की भी मांग की है। खट्टर ने किसानों को दोषी ठहराते हुए कहा कि उनका सरकार के साथ बातचीत करने का कोई इरादा नहीं है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री की टिप्पणी करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा द्वारा कथित तौर पर पुलिस से एक वीडियो में प्रदर्शनकारियों के ‘सिर फोड़ने’ के लिए कहने के बाद आई है, जो वायरल हो गया था और जिसे यूपी के पीलीभीत से बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने भी साझा किया था। खट्टर ने कहा कि हो सकता है कि एसडीएम की टिप्पणी उचित न हो, उन्होंने कठोरता पर जोर दिया है।

बता दें कि इस घटना को लेकर मनोहर लाल खट्टर को भूपेंद्र सिंह हुड्डा की आलोचना का सामना करना पड़ा। हुड्डा ने घटना में पुलिस कार्रवाई की मांग की है। दूसरी ओर से उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना ने भी खट्टर पर निशाना साधा है। शिवसेना ने अपने मुख्यपत्र सामना के संपादकीय में कहा है कि खट्टर को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकारी नहीं है।