हरियाणा में गहरा रहा बिजली संकट, अब दूसरे राज्यों से मदद लेगी खट्टर सरकार

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चंडीगढ़. हरियाणा में इन दिनों पारा आसमान छू रहा है और इसके साथ ही बिजली की मांग भी बढ़ती जा रही है. गुरुवार को हरियाणा में बिजली की मांग 9000 मेगावाट के पार पहुंच गई. जिस तरह से लगातार गर्मी बढ़ रही है, बिजल खपत में भी लगातार इजाफा हो रहा है. इसे देखते हुए प्रदेश सरकार की चिंताएं बढ़ने लगी हैं और वैकल्पिक व्यवस्थाएं तलाशी जाने लगी है. पावर मिनिस्टर रंजीत सिंह के अनुसार आने वाले एक दो ​सप्ताह में बिजली की बढ़ती डिमांड को पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए अन्य राज्यों से मदद मांगी जा रही है ताकि प्रदेशवासियों को दिक्कत का सामना ना करना पड़े.

इस साल बढ़ी ज्यादा डिमांड
सिंह के अनुसार विभिन्न स्तर पर बात चल रही है. इसके अनुसार अडानी से 1200 से 1400 मेगावाट बिजली ली जाएगी. इसके साथ ही अन्य राज्यों से भी बात चल रही है, जिसके मुताबिक छत्तीसगढ़ से 350 मेगावाट और मध्यप्रदेश से 150 मेगावाट बिजली ​ली जाएगी. बता दें कि औसतन इस समय हर साल मांग 7000 मेगावाट रहती है लेकिन इस बार बदहाल करने वाली गर्मी के कारण मांग 9000 पार पहुंच चुकी है. बिजली विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस समय 1500 मेगावाट की कमी आई है.

बढ़ने लगा पावर कट
बिजली का संकट जैसे जैसे गहरा रहा है प्रदेश में पावर कट की समस्या भी बढ़ती जा रही है. प्रचंड गर्मी के बीच घंटो बिजली कटने से लोगों की परेशानियां काफी बढ़ गई हैं. साथ ही इससे उनके ​दैनिक कार्यों पर भी असर पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार गुरुग्राम में सबसे अधिक छह घंटे बिजली कटौती की गई. बिजली की मांग की बात करें तो हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधिकार क्षेत्रों में आने वाले जिलों में 4300 से 4500 मेगावाट लोड शेयर की डिमांड है. इसके अलावा उत्तरी बिजली वितरण निगम लिमिटेड के क्षेत्र में आने वाले जिलों के लिए 2500 मेगावा से ज्यादा की मांग है.