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चंडीगढ़: देश में पहली बार मोटापे की असल तस्वीर सामने आई है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के दौरान इस बार कद-वजन के साथ कमर-कूल्हे का अनुपात (डब्ल्यूएचआर) भी मापा गया। मध्य प्रदेश की महिलाओं में यह अनुपात सबसे कम 40% है, जबकि जम्मू कश्मीर की महिलाओं में यह सबसे अधिक 88% निकला है।
पुरुषों के मामले में चंडीगढ़ में यह अनुपात सबसे अधिक गड़बड़ है। वहां 67% पुरुष जोखिम में हैं। बड़े राज्यों में मप्र के पुरुषों में यह जोखिम सबसे कम 39% है। बीएमआई इंडेक्स के हिसाब से सबसे अधिक (26%) दुबली महिलाएं बिहार-झारखंड में हैं। 25% दुबली महिलाओं के साथ गुजरात दूसरा है। सर्वाधिक 41% ओवरवेट महिलाएं पंजाब-दिल्ली में हैं।
सर्वे के दौरान मोटापे और दौलत में भी एक दिलचस्प ट्रेंड दिखा है। देश के धनवान वर्ग में महज 10% ही महिलाएं फिट हैं, जबकि कम दौलत वाले परिवारों में ऐसी महिलाओं की संख्या 28% है।
कमर-कूल्हे का अनुपात
कमर-कूल्हे के अनुपात के कारण जोखिम उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता मिला है। 15 से 19 साल की 46% युवतियां जोखिम में हैं, जबकि 40 से 49 आयु वर्ग में यह 65% तक पहुंचा है। गांवों के मुकाबले शहरों में यह जोखिम अधिक मिला गया। गांवों में 55%, शहरों में 60% लोग गलत अनुपात के चलते रोगों के जोखिम में हैं।
फिटनेस घट रही
उम्र के साथ फिट महिलाओं की संख्या घटती जाती है। सर्वे के मुताबिक, 15 से 19 साल वर्ग में फिट युवतियां 40% हैं, जबकि 40 से 49 के आयु वर्ग में सिर्फ 9% महिलाएं ही फिट की श्रेणी में आईं। गांवों में फिट महिलाएं (21%), शहरों (13%) के मुकाबले अधिक पाई गईं। ओवरवेट की बात करें तो शहरों में 33% महिलाएं ओवरवेट हैं, जबकि गांवों में 20% हैं।
अनुपात अधिक तो खतरा ज्यादा
कमर-कूल्हे की माप के हिसाब से 57% महिलाएं और 48% पुरुष पांच तरह की मेटाबोलिक बीमारियों के जोखिम के शिकार हैं। उन्हें ब्लड प्रेशर, उच्च शुगर लेवल, कमर के चारों ओर अतिरिक्त चर्बी, अच्छे कोलेस्ट्रोल की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे किया सर्वे
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के तहत मोटापा जांचने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के तय मानकों के अनुसार कमर की नाप के लिए विशेष गुलिक टेप इस्तेमाल किए गए।