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याद्दाश्त का संबन्ध उम्र से माना जाता है. कहा जाता है कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ने लगती है, याद्दाश्त भी खुद ही कमजोर होने लगती है. लेकिन आपने अपने आसपास कुछ ऐसे बुजुर्गों को भी देखा होगा, जिन पर उनकी उम्र का कोई असर नहीं हुआ हो और बुढ़ापे में भी उनकी मैमोरी काफी अच्छी रही हो.
दरअसल ये सब उनके अच्छे खानपान और दिनचर्या का नतीजा होता है. तमाम शोध बताते हैं कि खानपान न सिर्फ हमारी शारीरिक सेहत बल्कि मानसिक सेहत को भी प्रभावित करता है.
यदि आपका आहार ठीक नहीं होगा तो शारीरिक और मानसिक, दोनों तरह से समस्याएं भी आपको समय से पहले घेरने लगेंगी. आजकल ज्यादातर लोगों को डायबिटीज, आर्थराइटिस, बीपी, स्ट्रेस आदि समस्याएं कम उम्र में ही हो जाती हैं. इनकी एक वजह उनका गलत खानपान भी है. यहां जानिए ऐसी 5 चीजों के बारे में जिन्हें शरीर के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत खराब माना जाता है. इनके सेवन से व्यक्ति के अंदर गुस्सा, चिड़चिड़ापन, तनाव बढ़ता है और याद्दाश्त कमजोर होने लगती है.
चिकनाईयुक्त भोजन
अधिक चिकनाईयुक्त भोजन खाने में बेशक स्वादिष्ट लगता हो, लेकिन ये आपकी सेहत के लिए किसी भी लिहाज से ठीक नहीं माना जाता. ज्यादा तला भुना भोजन आपके नर्व सेल्स को नुकसान पहुंचाता है और दिमाग की क्षमता को कम करता है. इसका सीधा असर आपकी याद्दाश्त पर पड़ता है. इसलिए जितना संभव हो साधारण और सुपाच्य भोजन करने की आदत डालें.
जंक फूड
जंक फूड में स्वाद को बढ़ाने के लिए कुछ ऐसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है जो डोपामाइन हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित करता है. इसे अधिक खाने से व्यक्ति में तनाव का स्तर बढ़ता है और उसकी याद्दाश्त कमजोर होने लगती है.
शराब
शराब पीने की आदत आपके पूरे जीवन को तबाह कर सकती है. ये आपके शरीर में तमाम जानलेवा बीमारियां पैदा करती है, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालती है. इसे पीने से व्यक्ति का दिमागी संतुलन बिगड़ने लगता है. याद्दाश्त कमजोर हो जाती है और सामान्य बातों को भी भूलने की समस्या बढ़ जाती है.
मीठा
मीठा खाने के शौकीन लोगों को भी सावधान रहने की जरूरत है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो बहुत ज्यादा मीठा खाने का असर दिमाग पर भी पड़ता है. इससे दिमाग सुस्त पड़ जाता है और अपना काम ठीक से नहीं कर पाता. इससे व्यक्ति की याद्दाश्त कमजोर होने लगती है.
ट्रांस फैट
ट्रांस फैट की अधिक मात्रा सीधेतौर पर आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है. इससे याद्दाश्त पर जोर पड़ता है और व्यक्ति को अल्जाइमर होने का रिस्क बढ़ जाता है. इसलिए ऐसी चीजों से परहेज करें जिसमें ट्र्रांस फैट अत्यधिक पाया जाता है.