हार्ट अटैक के मामले 2 साल में ‘खतरनाक’ लेवल तक बढ़े, डॉक्टरों ने बताया क्यों?

Heart attack cases increased to 'dangerous' level in 2 years, doctors told why?
Heart attack cases increased to 'dangerous' level in 2 years, doctors told why?
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मुंबई: इंटरनेशनल इमरजेंसी मेडिसिन डे के मौके पर डॉ संदीप गोरे ने हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों को लेकर चौंकाने वाली बात उजागर की। डॉ गोरे ने अस्‍पताल में लाए गए हताहत मरीजों के बारे में डेटा की एनाल‍िस‍िस की। इसमें उन्‍हें दिल का दौरा पड़ने की घटनाओं पर एक टेंशन देने वाली बात पता चली। उन्‍होंने पाया क‍ि 40-50 की उम्र वालों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं जबक‍ि 50-60 की उम्र वालों में दिल का दौरा पड़ने की संभावनाएं ज्‍यादा रहती हैं। डॉ गोरे फोर्टिस अस्पताल मुलुंड के इमरजेंसी रूम (ईआर) के प्रमुख हैं। डॉ गोरे ने बताया क‍ि 2011 और 2022 के बीच दिल का दौरा पड़ने के आंकड़ों में पांच गुना वृद्धि हुई है। इसी अवधि में 40-50 आयु वर्ग के रोगियों में 33% का इजाफा हुआ है। जो क‍ि च‍िंताजनक है।

चूंकि उनका डेटा एक अस्पताल से संबंधित है। ऐसे में डॉ गोरे चाहते हैं कि सरकार युवा भारतीयों में दिल के दौरे से होने वाली मौतों की घटनाओं की स्‍टडी करे। हाल ही में अभिनेता नितेश पांडे का पिछले सप्ताह 51 वर्ष की आयु में निधन हो गया। डॉ गोरे ने कहा क‍ि 2018 में हमें इमरजेंसी रूम में आने वाले 117 दिल के दौरे के मरीज मिले, लेकिन कोविड 2022 के बाद यह संख्या 70% बढ़कर 201 हो गई।

दिल की समस्याओं की शुरुआत की उम्र हो रही कम
केईएम अस्पताल परेल में कार्डियोलॉजी में प्रोफेसर एमेरिटस डॉ प्रफुल्ल केरकर ने कहा कि मुंबई में सबसे बड़ी चिंता यह है कि दो दशक पहले की तुलना में दिल की समस्याओं की शुरुआत की उम्र कम हो रही है। वह इस आदत के लिए तेजी से शहरीकरण, कम शारीरिक गतिविधि और खराब आहार को जिम्मेदार ठहराते हैं।

चौंका रहे इमरजेंसी में आने वालों के आंकड़े
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. समीर पगड ने कहा क‍ि 2022 में दिल के दौरे के साथ हमारे इमरजेंसी रूम में आने वाले 312 लोगों में से 71 (23 फीसदी) को प्राथमिक एंजियोप्लास्टी की जरूरत थी, क्योंकि उनकी एक या अधिक ब्‍लड सेल्‍स में 100 फीसदी रुकावट थी। 2019 में, 283 में से केवल 36 या 13% को प्राथमिक एंजियोप्लास्टी की आवश्यकता थी।

कम उम्र में दिल के दौरे की घटनाएं
माहिम के एसएल रहेजा अस्पताल में क्रिटिकल केयर के प्रमुख डॉ. संजीत शसीधरन के अनुसार, 45 साल से कम उम्र में दिल के दौरे की घटनाएं बढ़ी हैं। उनके इमरजेंसी रूम डेटा से पता चलता है कि 2022 में सभी इमरजेंसी रूम के मामलों में से 18% मायोकार्डियल इंफार्क्शन (एमआई या दिल के दौरे के कारण थे, जबकि 2019 के सभी मामलों में यह 6% था।

दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतों में इजाफा
हालांकि, बीएमसी की मौत की रजिस्ट्री दिल के दौरे से होने वाली मौतों में कोई चौंकाने वाली वृद्धि नहीं दिखाती है। दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतें 2018 में 8,601 से बढ़कर 2021 में 10,683 हो गईं और 2022 में घटकर 9,470 मौतें हो गईं।

नींद की कमी ज‍िम्‍मेदार
नानावटी अस्पताल, जुहू के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव भागवत ‘नींद की कमी’ महामारी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। उन्‍होंने कहा क‍ि हालांकि पिछले 20 एंजियोप्लास्टी में से 40% मैंने युवा लोगों पर किए थे। दिल के दौरे उम्र के बारे में नहीं हैं। दिल के दौरे जीवन शैली विकल्पों के बारे में हैं।