नई दिल्ली: देश और दुनिया में दिल के रोगों के मामले जिस रफ्तार से बढ़ रहे हैं उससे हर उम्र के लोगों में डर बैठ रहा है। कम उम्र में ही लोगों की हार्ट अटैक (heart attacks)से मौत हो रही है लोगों के लिए ये चिंता का विषय है। शारदा अस्पताल के प्रमुख और वरिष्ठ सलाहकार डॉ सुभेंदु मोहंती ने indianexpress.com के साथ बातचीत में बताया आज युवा आयु वर्ग में कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest)और दिल का दौरा (heart attacks)अधिक आम होता जा रहा है। दिल के रोगों के इन बढ़ते मामलों की तुलना पिछले 10-15 सालों से की जाए तो पिछले दो सालों में मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। एक्सपर्ट ने बताया कि मौजूद दौर में 18-20 साल की उम्र में भी लोग हार्ट अटैक के शिकार हो रहे हैं।
किन लोगों की हार्ट अटैक से हुई मौत:
कई नामी हस्तियां जैसे सिद्धांत वीर सूर्यवंशी (Siddhaanth Vir Surryavanshi),राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) और सिद्धार्थ शुक्ला (Sidharth Shukla)की अचानक दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत इस बात का गवाह है कि दिल के रोगों से मौत के मामले बढ़ रहे हैं। इसके अलावा 21 साल के मेघा ठाकुर, जिनकी नवंबर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।
# heartattack ट्रेंड के चलते डॉक्टर ने लोगों को सलाह दी है कि आप अपनी पॉकेट में हमेशा एस्पिरिन 300 मिलीग्राम (Aspirin 300 mg)रखें। अगर आपको अचानक तेज सीने में दर्द,गर्दन में दर्द,बाएं हाथ में दर्द हो रहा हो तो इसे जल्द से जल्द निगल लें। एक्सपर्ट ने बताया है कि सीने में होने वाले दर्द को गैस्ट्राइटिस समझ कर नजरअंदाज नहीं करें। एक्सपर्ट ने ट्विटर पर लोगों को सूचित किया है कि आपका दिल आपका जीवन है इसे नजरअंदाज मत करों।
डिस्प्रिन कैसे हार्ट अटैक पर कंट्रोल कर सकती है: (How Disprin can control heart attack)
एन, डीएम कार्डियोलॉजी, कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुदीप के एन के मुताबिक विशेषज्ञ ने दिल का तीव्र दौरा पड़ने के मामले में डिस्प्रिन 325 मिलीग्राम लेने की सलाह दी है। आम तौर पर, दवा की ये खुराक नियमित मामलों के लिए नहीं होती है। यह एक एंटी-प्लेटलेट दवा है जो प्लेटलेट एकत्रीकरण (platelet aggregation) और तीव्र रोधगलन (acute myocardial infarction)को रोकने में मदद करती है। डॉक्टर सुदीप के मुताबिक इस दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
एस्पिरिन को अन्य दवाओं के साथ जोड़ा जाना चाहिए। निदेशक और वरिष्ठ सलाहकार- कार्डियोलॉजी, धर्मशीला नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के डॉ आनंद कुमार पांडे ने बताया कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों को एस्पिरिन तब तक नहीं दी जानी चाहिए जब तक कि उनके डॉक्टरों ने सुझाव न दिया हो।
यहां कुछ डॉस और डॉनट्स हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए
खाली पेट एस्प्रिन न लें।
पेट खराब होने से बचाने के लिए भोजन के बाद इसे एक गिलास पानी के साथ लें।
टैबलेट या कैप्सूल को तोड़ें नहीं क्रश या चबाएं नहीं बल्कि उसे एक बार में पूरा निगल लें।
डॉक्टर द्वारा निर्धारित अन्य दवाओं या उपचारों के बजाए एस्पिरिन न लें।
शराब के साथ एस्पिरिन कभी न लें। इससे आपके पेट से खून बहने का खतरा बढ़ जाता है।