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जयपुर. राजस्थान में मानसून को लेकर यह माना जा रहा था कि सितंबर के बाद विदाई हो जाएगी, लेकिन अक्टूबर महीने में एक बार फिर से बारिश का दौर शुरू होगा। मौसम केन्द्र जयपुर ने 5 अक्टूबर से राजस्थान के कई हिस्सों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है।
अनुमान है कि ये दौर अगले तीन दिनों तक जारी रहेगा। नए सिस्टम का असर पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, कोटा, जयपुर और उदयपुर संभाग के 17 जिलों में देखने को मिल सकता है।
मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि पूर्वी राजस्थान से मानसून की विदाई फिलहाल अगले 7-8 दिन तक नहीं होगी। उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी में एक लो-प्रेशर सिस्टम बन रहा है, जो आगे बढ़ते हुए उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश होते हुए राजस्थान की पूर्वी सीमा तक आएगा।
इन जिलों को लेकर चेतावनी
मौसम केन्द्र जयपुर के मुताबिक भरतपुर संभाग के भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर के अलावा कोटा संभाग के कोटा, बारां, बूंदी, जयपुर संभाग के अलवर, जयपुर, दौसा, सीकर, उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा उदयपुर के अलावा अजमेर संभाग के टोंक, भीलवाड़ा जिलों में भी कहीं-कहीं आसमान में बादल छाने के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
अक्टूबर में सामान्य से ज्यादा बारिश
राजस्थान समेत मध्य और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में अक्टूबर के महीने में सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अनुमान इस बार केन्द्रीय मौसम विभाग ने जताया है। राजस्थान की बात करें तो यहां अक्टूबर के शुरूआती सप्ताह में बंगाल की खाड़ी से आने वाले सिस्टम से बारिश की गतिविधियां होंगी।
इसके अलावा दीपावली के आसपास और उससे पहले एक-दो पश्चिमी विक्षोभ आ सकते हैं, जिसके असर से गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू समेत उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के हिस्सों में बारिश हो सकती है।
रबी की फसल के लिए फायदेमंद होगा साबित
निदेशक शर्मा ने बताया कि इस सिस्टम से जो बारिश होगी वह आगामी रबी की फसल बोने वालों के लिए फायदेमंद होगी। इससे जमीन में नमी का स्तर बढ़ जाएगा और खेती के लिए जमीन उपयोगी हो जाएगी। क्योंकि वर्तमान में जिस तरह धूप पड़ रही है और मौसम साफ है उससे अनुमान है कि जमीन की नमी का लेवल कम होगा।
इस सिस्टम से होने वाली बारिश से किसानों को फायदा होगा। हालांकि उन किसानों के लिए चेतावनी या सलाह है कि जिन्होंने खरीफ की फसलों की कटाई नहीं की है या कटाई के बाद फसल खेतों में पड़ी है। उनके पास अभी 3-4 दिन का समय है, वे इन फसलों को खेतों से हटाकर कहीं सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं।
अब तक सामान्य से 36 फीसदी
राजस्थान में अब तक बारिश की स्थिति देखें तो प्रदेश में 30 सितम्बर तक 594.2MM बरसात हो चुकी है, जो औसत बरसात 435.6MM से 36 फीसदी ज्यादा है। सबसे ज्यादा बरसात इस सीजन में झालावाड़ जिले में हुई, जहां 1316.9MM बरसात हुई है, जो सामान्य बारिश 884.3MM से 49 फीसदी ज्यादा है। वर्तमान में मानसून अभी राजस्थान के आधे हिस्से में एक्टिव है, ऐसे में संभावना है कि मानसून की विदाई तक प्रदेश में बारिश का औसत और बढ़ जाएगा।
राजस्थान समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में इस साल सर्दी समय से पहले दस्तक दे सकती है। देरी से होती मानसून की विदाई और उत्तरी भारत में समय से पहले बर्फबारी इस बात के संकेत दे रही है। हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश के साथ अच्छी बर्फबारी भी हुई है। आमतौर पर अक्टूबर के आखिरी सप्ताह या नवंबर में ही ये बर्फबारी देखने को मिलती है।