हरियाणा में 4858 क्लर्क भर्ती का परिणाम हाईकोर्ट ने किया खारिज, आयोग को दी चेतावनी

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चंडीगढ़: 4858 क्लर्क की भर्ती का परिणाम जारी करते हुए लापरवाही बरतने पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) को कड़ी फटकार लगाई और भर्ती परिणाम को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने परिणाम में संशोधन कर नए सिरे से मेरिट तैयार करने का आदेश दिया है।

करनाल निवासी अनिल कुमार व अन्य ने एडवोकेट रविंदर ढुल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए क्लर्क के 4858 पदों के लिए आयोजित भर्ती के परिणाम को चुनौती दी थी। याचिका में बताया गया कि परिणाम जारी करते हुए आयोग ने बड़े स्तर पर गलती की जिसके चलते कई योग्य आवेदकों का चयन नहीं हो सका।

याची ने बताया कि पेपर के दो सेट थे और नकल को रोकने के लिए उत्तरों के क्रम में बदलाव किया गया था। सेट सी में प्रश्न संख्या 3, 47 व 66 वही प्रश्न थे जो सेट ए में 24, 62 व 9 थे। याची ने बताया कि प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प ए, बी, सी, डी के रूप में मौजूद थे। नकल को रोकने के लिए इन दोनों सेटों में उत्तर के विकल्प क्रम को बदल दिया गया था।

यानी सेट सी में यदि प्रश्न का उत्तर सी था तो सेट ए में इसे डी कर दिया गया। जब कमीशन ने परिणाम जारी किया तो दोनों के विकल्प सी को सही बताते हुए अंक दिए। याची ने बताया कि इन अंकों के चलते कई आवेदक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद एचएसएससी की लापरवाही पर उन्हें जमकर फटकार लगाई।

हाईकोर्ट ने कहा कि इतनी अहम भर्ती को इतने लापरवाह तरीके से लिया गया जो सही नहीं है। हाईकोर्ट ने अब आयोग द्वारा जारी परिणाम को सिरे से खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने अब आयोग को आदेश दिया है कि वह परिणाम में संशोधन कर इसे सही प्रकार से जारी कर मेरिट तैयार करे। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि वह चाहते थे कि आयोग पर भारी जुर्माना लगाया जाए लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं कर रहे हैं। हालांकि हाईकोर्ट ने आयोग को भविष्य में सावधान रहने की नसीहत भी दी। एचएसएससी को हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि यदि इस भर्ती से जुड़ा कोई लापरवाही का मामला हाईकोर्ट में दोबारा पहुंचा तो इसके पूरे खर्च को आयोग को उठाना होगा।