40 से 50 की उम्र में हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा, इन संकेतों से हो जाएं अलर्ट

High risk of heart attack in the age of 40 to 50, be alert from these signs
High risk of heart attack in the age of 40 to 50, be alert from these signs
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अभिनेता नितेश पांडे की हार्ट अटैक से अचानक मौत ने एक बार फिर कम उम्र में दिल के दौरे पड़ने की चिंताओं के प्रति अलर्ट कर दिया है। बीते कुछ सालों में 30 से 50 की कम उम्र में ही लोगों को हार्ट अटैक की घटनाएं बढ़ी है। सिद्धार्थ शुक्ला, राजू श्रीवास्तव, सिंगर केके जैसे कई ऐसे उदाहरण है, जिन्हें कम उम्र में ही हार्ट अटैक का शिकार होना पड़ा।

संयमित रखें अपनी लाइफ स्टाइल
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि अनियमित जीवनशैली और खानपान में लापरवाही के कारण आजकल कम उम्र में ही कार्डियक अरेस्ट का मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में समय पर सोना व जागना, सुबह एक्सरसाइज करना, ज्यादा वसायुक्त भोजन नहीं करने जैसी मूल बातों में प्रति अलर्ट होना बेहद जरूरी है।

कुछ मामलों में अनुवांशिक कारणों से हार्ट अटैक
बहुत कम उम्र के लोगों को भी हार्ट अटैक आने के पीछे मुख्य कारण जीवन शैली में अनियमितता होने के साथ-साथ अनुवांशिक कारण भी शामिल होते हैं। कुछ रिसर्च में यह जानकारी भी सामने आई है कि आनुवांशिक कारणों से भी शरीर में रक्त के थक्के तेज गति से बनने लगते हैं, जो आगे चलकर कार्डियक अरेस्ट का कारण बन जाते हैं।

दिल को नुकसान पहुंचाती है शराब
जो लोग वीकेंड पार्टी के शौकीन है या सप्ताह में तीन से ज्यादा बार शराब का सेवन करते हैं उनमें भी हार्ट अटैक का खतरा कम उम्र में ज्यादा रहता है। कोकीन के सेवन से भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के 2019 सम्मेलन में पेश की गई एक रिसर्च के मुताबिक बीते कुछ सालों से युवा वयस्कों में दिल के दौरे की घटनाएं काफी बढ़ती जा रही है।

कम उम्र में हार्ट अटैक के ये हो सकते हैं कारण
मादक द्रव्यों का सेवन या अत्यधिक शराब का सेवन, अत्यधिक धूम्रपान करना, हाई BP की समस्या, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ट्राइग्लिसराइड लेवल रहना, शारीरिक गतिविधि की कमी के अलावा डायबिटीज के रोगियों में भी हार्ट अटैक का खतरा रहता है।

हार्ट अटैक से बचाव के उपाय

– जीवनशैली को नियमित रखें
– लो कार्ब व फैट वाला खाना खाएं।
– रोज 40 से 45 मिनट के लिए कार्डियो एक्सरसाइज करें।
– दौड़ना, स्विमिंग, साइकिलिंग, रस्सी कूदना जैसी कार्डियो एक्सरसाइज करें।
– फाइबर व प्रोटीन युक्त डाइट जरूर शामिल करें।
– बीपी, कोलेस्ट्रॉल, शुगर आदि की जांच समय पर कराएं।