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भोपाल । मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों के पहले हाईवोल्टेज पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। बीजेपी-कांग्रेस के 15 महीनों के कार्यकाल की याद दिलाकर वोट हासिल करने की कोशिश में है, तो कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनौती दी है कि वो 15 महीनों की सरकार के गर्वनेंस पर बहस करने को तैयार हैं। लेकिन सीएम शिवराज को भी 18 साल के कार्यकाल का हिसाब उसी मंच पर आकर देना होगा। इसी मुद्दे पर आज हम इस शो में चर्चा करेंगे।
मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों में फिलहाल 5 महीने का वक्त बाकी है। चुनावी जंग के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने अपने तेवर साफ कर दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कार्यकाल की तुलना करते हुए सीएम शिवराज को बहस की चुनौती दी है। कमलनाथ के मुताबिक 15 महीनों की उनकी सरकार ने गांव, गरीब और किसानों के लिए काम किया। इधर बीजेपी का दावा है कि कमलनाथ की 15 महीनों की सरकार में प्रदेश बदहाली की तरफ चला गया. और जब बीजेपी की सरकार आई है तो प्रदेश में खुशहाली लौटी है। इस जुबानी जंग से साफ है कि ये चुनाव न बीजेपी के लिए एकतरफा होंगे और न ही कांग्रेस के लिए…
दरअसल मध्यप्रदेश का ये चुनाव गर्वनेंस पर आधारित होगा। कांग्रेस का कहना है कि 15 महीनों में 27 लाख किसानों का कर्ज माफ हुआ। बिजली बिल हाफ हुआ, कन्या विवाह योजना में 51 हजार रुपए हितग्राहियों को दिए गए। मठ मंदिर का जीर्णोद्धार करने के साथ पुजारियों का मानदेय बढ़ाया गया। शुद्ध के लिए युद्ध जैसे ऑपरेशन शुरू किए गए। एंटी माफिया ऑपरेशन के जरिए गुंडाराज खत्म किया गया। हालांकि बीजेपी कांग्रेस के इन दावों को हवा-हवाई बताकर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रही है। बीजेपी का कहना है कि उनकी सरकार ने बुजुर्गों को हवाई जहाज से तीर्थ यात्रा करवाई..जबकि कांग्रेस ने अपनी सरकार में इस योजना को बंद कर दिया था।
ऐसा नहीं है कि इस बार चुनाव में सिर्फ सुशासन का मुद्दा हावी रहेगा बल्कि बहस तो कांग्रेस की नारी सम्मान योजना और बीजेपी की लाडली बहना योजना पर भी होगी। युवाओं के बड़े वोट बैंक को साधने के लिए भी बीजेपी कांग्रेस में होड़ है। खबर ये भी है कि कांग्रेस और बीजेपी सत्ता में वापसी का रास्ता आसान करने के लिए बड़े ऐलान कर सकते हैं। पिछले 18 वर्षों में इन्होंने प्रदेश की जनता के सामने 22 हजार घोषणायें की है यह जनता को तो याद है पर शिवराज जी भूल गये हैं और आज जब पूरे प्रदेश में इन्हें अपनी जमीन खिसकती नजर आ रही है तब इन्हें सब याद आने लगे हैं। इन्हें अब बहना भी लाड़ली दिख रही है, कर्मचारियों की परेशानी और किसानों की समस्या यह सब याद आ रहा है।