बिलासपुर-लेह रेललाइन: लद्दाख में 2200 हेक्टेयर भूमि का होगा अधिग्रहण, 99 हजार करोड़ होंगे खर्च

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एजेंसी। सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण बहु प्रतिक्षित रेललाइन बिलासपुर-मनाली-लेह की  विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो गई है। उत्तर रेलवे समीक्षा कर दिसंबर अंत तक डीपीआर सरकार को सौंप देगा। डीपीआर के अनुसार इस परियोजना में पुलों, टनलों, सिविल कार्य, इलेक्ट्रिकल, सिग्नलिंग और टेली कम्यूनिकेशन, भूमि अधिग्रहण और अन्य कार्यों पर करीब 99 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। हिमाचल और लद्दाख में 1100-1100 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें 26 फीसदी वन भूमि भी शामिल है।

भूमि अधिग्रहण पर 11.5 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
उल्लेखनीय है कि इस रेललाइन के सर्वे और डीपीआर बनाने का दायित्व उत्तर रेलवे को सौंपा गया था। बीते जून में पीएमओ ने खुद इसमें हस्तक्षेप करते हुए उत्तर रेलवे को डीपीआर जल्द तैयार करने के आदेश दिए थे। डीपीआर की समीक्षा रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को भेजे जाने के बाद ही तय हो पाएगा कि इतनी बड़ी परियोजना के लिए इतने भारी बजट का प्रावधान कहां से और कैसे किया जाएगा। 
चार खंडों में होगा निर्माण कार्य
इस रेललाइन में चार खंड होंगे। पहला खंड बैरी से मंडी, दूसरा मंडी से मनाली, तीसरा मनाली से उपशी और चौथा उपशी से लेह तक का होगा। 

उच्च अधिकारी डीपीआर की समीक्षा कर रहे हैं। इसमें क्या सुधार करना है, किस चीज की लागत कितनी होगी, उसमें अगर सुधार करना होगा तो समीक्षा के बाद किया जाएगा। दिसंबर अंत तक डीपीआर सरकार को सौंप दी जाएगी। – दिनेश त्रिपाठी, चीफ इंजीनियर बिलासपुर लेह रेललाइन