हिमाचल के इन तीन युवाओं ने किया प्रदेश का नाम रोशन, पास की सिविल सेवा परीक्षा

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हिमाचल प्रदेश के तीन युवाओं ने यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की सिविल सर्विसेज परीक्षा पास कर नाम रोशन किया है। इनमें बिलासपुर के घुमारवीं से संबंध रखने वाले इशांत जसवाल ने 80वां रैंक हासिल किया। हमीरपुर के अभिषेक धीमान ने 374वां रैंक पाया। वहीं, सोलन जिले के बद्दी से संबंधित विशाल चौधरी ने 665वां रैंक हासिल किया।

इशांत जसवाल ने भारतीय सिविल सर्विसेज परीक्षा 2020 उत्तीर्ण कर जिला बिलासपुर का नाम रोशन किया है। इशांत जसवाल जिला बिलासपुर के घुमारवीं क्षेत्र की पंचायत पडयालग के निवासी हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा बाड़ी छोली दधोल के सरकारी स्कूल में हुई है और इसके बाद उन्होंने हिम सर्वोदय स्कूल घुमारवीं से जमा दो की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद एनआइटी हमीरपुर से मैकेनिकल इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई की। इशांत ने बताया कि उन्होंने इसके बाद एक वर्ष नोएडा स्थित टेक्निक एफएमसी आयल एंड गैस कंपनी में काम किया। एक साल नौकरी के बाद उन्होंने सिविस सर्विसिज में जाने का निर्णय लिया और नौकरी से त्याग पत्र देकर दिल्ली में ही आठ महीने तक यूपीएससी के लिए कोङ्क्षचग ली। इसके बाद वर्ष 2020 में उन्होंने यूपीएससी की पहली परीक्षा दी और अब परिणाम में उन्हें आल इंडिया रैंक में 80वां स्थान मिला है। उनका जन्म पांच मार्च, 1997 को पैतृक घर पडयालग में हुआ है। उनके पिता सेवानिवृत्त सैनिक हैं और माता गृहिणी हैं।

बद्दी के निकट गुल्लरवाला पंचायत उस समय चर्चा में आ गई जब उसके एक युवा विशाल चौधरी ने भारतीय सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर ली। उन्होंने तीसरे प्रयास में सफलता पाई है। गुल्लरवाला निवासी आयुर्वेद विभाग में फार्मासिस्ट के पद पर तैनात भाग सिंह चौधरी के घर 20 मार्च 1995 को पैदा हुए विशाल ने 10वीं औरोबिंदो स्कूल से पास की और जमा दो चंडीगढ़ के सेक्टर 35 के माडल स्कूल से पास की। उनके बाद बीकाम श्रीराम कालेज आफ कामर्स से पास करने उपरांत एमकाम दिल्ली स्कूल आफ इकोनामिक्स से पास की। उसके बाद विशाल ने 2018 में जेआरएफ नेट क्वालीफाइड किया। अब तीसरी बार उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करके दून विधानसभा का नाम रोशन किया है। विशाल ने सफलता का श्रेय माता पिता और गुरुजनों को दिया है। उन्होंने कहा कि अगर दिल से मेहनत की जाए तो कोई भी मंजिल दूर नहीं है। उनका लक्ष्य प्रशासनिक सेवा में जाकर लोगों की सेवा करना है। पिता भाग सिंह ने कहा कि उन्होंने ईमानदारी से समाज और विभाग में जो सेवा की है उसका फल हमें हरिपुर बाबाजी की कृपा से मिला है। विशाल कल बद्दी आएंगे जहां उनका स्वागत किया जाएगा।

हमीरपुर जिले से संबंधित अभिषेक धीमान ने लक्ष्य हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की। करियर में सफलता भी मिली, लेकिन संतुष्ट नहीं हुए। यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करना इनका लक्ष्य रहा। इसी लक्ष्य को साधते रहे और आखिरकार इन्हेंं इसमें बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। वर्ष 2019 में आबकारी एवं कराधान विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। इसके बाद बीडीओ (खंड विकास अधिकारी) के अहम पद पर नियुक्ति हुई। एक वर्ष तक शिमला के ननखड़ी में बीडीओ रहे । इस वर्ष हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (एचएएस) की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसमें भी कामयाबी हासिल हुई। अभी हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक संस्थान हिप्पा में एचएएस की ट्रेनिंग कर रहे हैं। उन्होंने तमिलनाडु के वेल्लोर इंजीनियरिंग टेक्नोलाजी संस्थान से इंजीनियरिंग की है। उनका कहना है कि लगातार और नियमित रूप से पढ़ाई करना जरूरी है। यह मायने नहीं रखता कि आप कितने घंटे पढ़ते हैं, लेकिन रोज पढ़ाई करना जरूरी है। यही उनके सफलता का मूल मंत्र है। उनका कहना है कि उनका चयन आइपीएस (इंडियन पुलिस सॢवस) में हो सकता है। हालांकि अभी यह तय करने में थोड़ा वक्त लगेगा। जब यह तय हो जाएगा कि वह आइपीएस में आ गए तो इसके बाद काडर निर्धारित होगा। अभिषेक की माता इंदिरा धीमान अध्यापिका हैं।हिमाचल प्रदेश के तीन युवाओं ने यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की सिविल सर्विसेज परीक्षा पास कर नाम रोशन किया है। इनमें बिलासपुर के घुमारवीं से संबंध रखने वाले इशांत जसवाल ने 80वां रैंक हासिल किया। हमीरपुर के अभिषेक धीमान ने 374वां रैंक पाया। वहीं, सोलन जिले के बद्दी से संबंधित विशाल चौधरी ने 665वां रैंक हासिल किया।

इशांत जसवाल ने भारतीय सिविल सर्विसेज परीक्षा 2020 उत्तीर्ण कर जिला बिलासपुर का नाम रोशन किया है। इशांत जसवाल जिला बिलासपुर के घुमारवीं क्षेत्र की पंचायत पडयालग के निवासी हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा बाड़ी छोली दधोल के सरकारी स्कूल में हुई है और इसके बाद उन्होंने हिम सर्वोदय स्कूल घुमारवीं से जमा दो की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद एनआइटी हमीरपुर से मैकेनिकल इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई की। इशांत ने बताया कि उन्होंने इसके बाद एक वर्ष नोएडा स्थित टेक्निक एफएमसी आयल एंड गैस कंपनी में काम किया। एक साल नौकरी के बाद उन्होंने सिविस सर्विसिज में जाने का निर्णय लिया और नौकरी से त्याग पत्र देकर दिल्ली में ही आठ महीने तक यूपीएससी के लिए कोङ्क्षचग ली। इसके बाद वर्ष 2020 में उन्होंने यूपीएससी की पहली परीक्षा दी और अब परिणाम में उन्हें आल इंडिया रैंक में 80वां स्थान मिला है। उनका जन्म पांच मार्च, 1997 को पैतृक