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ढाका: बांग्लादेश की सत्ता से शेख हसीना की विदाई के बाद अब नई सरकार को लेकर बातचीत चल रही है। बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार है, जिसकी कमान मोहम्मद यूनुस के हाथ में है। चुनावों के बाद बांग्लादेश में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के सत्ता में आने की उम्मीद है। ऐसे में सवाल उठता ही कि क्या शेख हसीना और भारत की कट्टर विरोधी पूर्व पीएम खालिदा जिया फिर से बांग्लादेश का नेतृत्व करेंगी? बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि पार्टी की अध्यक्ष और वरिष्ठ उपाध्यक्ष तारिक रहमान शारीरिक रूप से फिट होने पर चुनाव में खड़े होंगे।
खालिदा जिया जिन्हें इस सप्ताह की शुरुआत में रिहा किया गया था अब एक अस्पताल में हैं। जबकि वरिष्ठ उपाध्यक्ष रहमान लंदन में रह रहे हैं और बांग्लादेश में उनके खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। रहमान खालिदा जिया के बेटे हैं और लंदन से पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। WION न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक आलमगीर ने खालिदा जिया के चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा, ‘क्यों नहीं? अगर वे वापस आते हैं और चुनाव लड़ने के लिए फिट हैं तो क्यों नहीं। पार्टी प्रमुख अगर शारीरिक रूप से फिट हैं तो उन्हें चुनाव में खड़ा होना है।’
हिंदुओं पर हमले को लेकर बड़ा दावा
आलमगीर ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार का स्वागत किया और कहा कि उनकी माइक्रोक्रेडिट नीतियों से देश को लाभ हुआ। साथ ही कहा कि वह देश का नेतृत्व करने के लिए एक सक्षम व्यक्ति हैं। उन्होंने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर बात की और आशा व्यक्त की कि स्थिति सामान्य हो रही है। हिंदुओं पर हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि हिंसा ने हिंदुओं को टार्गेट नहीं किया, बल्कि आवामी लीग के नेताओं के आवासों पर हमला हुआ है और इस पर नियंत्रण पा लिया गया है। हालांकि अंतरिम पीएम मोहम्मद यूनुस ने हिंदुओं पर हमलों को कबूला है। साथ ही भारत ने भी इसे लेकर चिंता जताई है।
भारत से दोस्ती पर क्या कहा?
भारत के साथ संबंधों को लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने अपनी पार्टी की नीति की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, ‘हमने हमेशा कहा है कि हम भारत के साथ दोस्ती करना चाहते हैं। भारत हमारा सबसे बड़ा पड़ोसी है। भारत एक अच्छा दोस्त और अच्छा पड़ोसी है।’ उन्होंने दोनों के बीच जल बंटवारे जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात का आश्वासन भी दिया कि उनकी पार्टी बांग्लादेशी क्षेत्र में भारत विरोधी विद्रोहियों को जगह नहीं देगी। बीएनपी पहले भी बांग्लादेश की सत्ता में रही है।