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लखनऊ। Yogi Government: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चकबंदी प्रक्रिया में ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। पिछले तीन वर्षों में राज्य के 1475 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गई है, जिसमें ऐसे गांव भी शामिल हैं जो 50 साल से अधिक समय से इस प्रक्रिया से वंचित थे। सरकार ने पारदर्शिता और किसानों के हितों को प्राथमिकता देते हुए चकबंदी कार्यों में तेजी लाई है, जिससे भूमि संबंधी विवादों का निस्तारण हुआ और विकास कार्यों को गति मिली।
10 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त मॉनिटरिंग और चकबंदी विभाग को दिए गए निर्देशों के बाद, प्रदेश में चकबंदी कार्यों ने नई गति पकड़ी। वर्ष 2021-22 से लेकर अब तक 1475 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गई है, जो पिछले 10 वर्षों की तुलना में एक नया कीर्तिमान है। वर्ष 2023-24 में 781 गांवों में, वर्ष 2022-23 में 463 गांवों और 2021-22 में 231 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गई।
पुराने विवादों का निस्तारण
मुख्यमंत्री के निर्देश पर चकबंदी विभाग ने 50 साल से अधिक समय से लंबित गांवों में भी चकबंदी प्रक्रिया पूरी की। आजमगढ़ के महुवा गांव में 63 साल बाद और गोमाडीह गांव में 56 साल बाद चकबंदी की प्रक्रिया पूरी हुई। इसके साथ ही गाजीपुर और अन्य जिलों के कई गांवों में भी वर्षों से लंबित चकबंदी का समाधान हुआ।
तकनीक का उपयोग
योगी सरकार अब चकबंदी प्रक्रिया में तकनीकी नवाचार ला रही है। चकबंदी के लिए एआई, ब्लॉक चेन, ड्रोन और रोवर सर्वेक्षण तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे भूमि संबंधी विवादों का अधिक सटीक और पारदर्शी निस्तारण होगा। आईआईटी रूड़की के सहयोग से इस तकनीक का पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है, जो भविष्य में पूरी प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाएगा।