- विदेश में भारत से जुड़ी 527 चीजों में मिला कैंसर वाला केमिकल, ड्राई फ्रूट्स भी नहीं सेफ; रिपोर्ट में खुलासा - April 25, 2024
- PUBG खेलते-खेलते फेजुल से हुआ प्यार, हर्षदा से बनी जीनत फातिमा, अब वेंटीलेटर पर! - April 25, 2024
- भांजे की शादी में नाच रहा था मामा, जमकर लगा रहा था ठुमके,अचानक दहाड़ मार रो पड़ी मामी - April 25, 2024
कोलंबो: श्रीलंका (Sri Lanka) की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार चाय की खेती और इसका निर्यात है. इससे श्रीलंका को हर साल भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा मिलती रही है.
सरकार ने फर्टिलाइजर पर लगाया बैन
हालांकि श्रीलंका सरकार (Sri Lanka) के एक फैसले ने चाय बागान के बिजनेस को बहुत मुश्किल के दौर में ला दिया है. दरअसल श्रीलंका ने केमिकल फर्टिलाइजर के आयात पर बैन लगाने का फैसला लिया था. इस वजह से देश में कृषि उत्पादन पर बहुत बुरा असर पड़ा और खाद की कमी से चाय का उत्पादन लगातार कम होता चला गया.
चाय उत्पादन में आ गई भारी कमी
चाय बागान (Tea Plantation Industry) से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार के इस फैसले के कारण ही आज श्रीलंका में आर्थिक संकट आया है. लोगों के मुताबिक, इसी वजह से श्रीलंका के चाय बागानों में खाद की भारी कमी हो गई है. जो खाद बिक भी रही है, उसकी लागत बहुत ज्यादा हो गई है, जिससे हर कोई इसे खरीद नहीं पा रहा है. इसके चलते देश में चाय का उत्पादन लगातार कम होता जा रहा है. इन हालात में चाय बागान से जुड़े लोग अपने भविष्य को लेकर बहुत चिंतित हैं.
रासायनिक खाद पर रोक पड़ी भारी
कोलंबो से लगभग 170 किलोमीटर की दूरी पर ऊंची पहाड़ियों के बीच नुआरा एलिया नाम की जगह है. इस इलाके में चाय के बागान काफी तादाद में हैं. नुआरा एलिया में PEDRO Estate के जनरल मैनेजर दिलिम पथिराना हैं. वे बताते हैं कि रासायनिक खाद पर बैन का फैसला चाय बागानों के लिए भारी पड़ा हुआ है.
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था हो गई ठप
चाय उत्पादन (Tea Plantation Industry) में कमी का असर श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. जैविक खेती के चक्कर में देश के चाय उद्योग को काफी नुकसान पहुंचा है. श्रीलंका में आए इस आर्थिक संकट के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए गुरुवार को चाय बागान के मजदूरों ने हड़ताल कर सरकार से अपने इस फैसले को वापस लेने की मांग की.