2013 से अब तक कैसी रही दिल्ली में AAP सरकार, अब आतिशी की टीम में कितने बदलाव होंगे?

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दिल्ली में नई सरकार का गठन शनिवार (21 सितंबर) को होगा। पिछली दिनों शराब नीति मामले में जेल से बाहर आए अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल सरकार में शिक्षा मंत्री रहीं आतिशी आप विधायक दल की नेता चुनी गईं। आतिशी अब दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। आतिशी के साथ पांच अन्य विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे। नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह दिल्ली स्थित राज निवास में होगा।

यह पहली बार है जब आप का सबसे बड़ा चेहरा अरविंद केजरीवाल दिल्ली में आप सरकार का हिस्सा नहीं होंगे। इसके अलावा पार्टी के दूसरे बड़े नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी कैबिनेट का हिस्सा नहीं होंगे।

आप की पहली सरकार में कौन-कौन मंत्री बने?
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन ने आम आदमी पार्टी को जन्म दिया। जन लोकपाल के लिए आंदोलन करने वाले लोगों का समूह 2012 में आम आदमी पार्टी नामक राजनीतिक दल बन गया। अगले साल दिल्ली विधानसभा के चुनाव हुए जिसमें भाजपा के बाद आप दूसरे नंबर पर रही। दिसंबर 2013 में आए नतीजों में भाजपा को 31, आप को 28 और कांग्रेस को आठ सीटें आईं। बाकी एक-एक सीट शिरोमणि अकाली दल, बसपा और जदयू के खाते में गई।

इस तरह से किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला। जब भाजपा ने त्रिशंकु विधानसभा में सरकार बनाने से इनकार कर दिया, तो आप ने कांग्रेस के बाहरी समर्थन से सरकार बनाई। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल 28 दिसंबर 2013 को पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। केजरीवाल के साथ छह अन्य लोगों – मनीष सिसोदिया, गिरीश सोनी, राखी बिड़लान, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज और सोमनाथ भारती ने भी मंत्री पद की शपथ ली। जब विभागों का बंटवारा हुआ तो अरविंद केजरीवाल ने खुद के पास गृह, वित्त, ऊर्जा, सतर्कता, योजना और सेवा विभाग रखे।

पत्रकार से नेता बने मनीष सिसोदिया को शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, शहरी विकास, स्थानीय निकाय, भूमि एवं भवन विभागों का प्रभार दिया गया। आईआईटी से स्नातक सोमनाथ भारती को प्रशासनिक सुधार, कानून, पर्यटन और संस्कृति का प्रभार मिला।

केजरीवाल की कैबिनेट में उस वक्त सबसे युवा मंत्री राखी बिड़लान ने समाज कल्याण और महिला एवं बाल विकास तथा भाषा विभाग संभाला। गिरीश सोनी को श्रम, विकास कौशल विकास और एससी/एसटी विभागों का प्रभार दिया गया। सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य, उद्योग और गुरुद्वारा चुनाव आवंटित किए गए। कंप्यूटर साइंस में बीटेक सौरभ भारद्वाज को खाद्य एवं आपूर्ति, परिवहन, पर्यावरण, चुनाव और सामान्य प्रशासन विभाग का प्रभार दिया गया।

49 दिन के बाद ही केजरीवाल ने दिया इस्तीफा
28 दिसंबर 2013 को दिल्ली की सत्ता संभालने के 49 दिनों के बाद ही केजरीवाल ने जनलोकपाल बिल के मुद्दे पर फरवरी 2014 में सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस तरह से पहली बार सरकार में आई आप सरकार का पहला कार्यकाल 50 दिन तक भी नहीं चल पाया।

आप की दूसरी सरकार में कौन से चेहरे शामिल थे?
फरवरी 2014 में केजरीवाल के इस्तीफे के बाद अगले साल 2015 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए। इन चुनावों में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की। आप को दिल्ली की 70 में से 67 विधानसभा सीटों पर जीत मिली। बाकी तीन सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में गईं। आप संयोजक केजरीवाल ने 14 फरवरी 2015 को दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। केजरीवाल के साथ छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। पार्टी के 49 दिनों की सरकार के दौरान विवादों में घिरे दो चेहरों मंत्रियों सोमनाथ भारती और राखी बिड़लान को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया। केजरीवाल की टीम में दूसरे सबसे बड़े चेहरे मनीष सिसोदिया ने पहली बार उप-मुख्यमंत्री पद संभाला।

जब विभागों को बंटवारा हुआ तो पहली बार ऐसा हुआ कि ने केजरीवाल ने कोई विभाग अपने पास नहीं रखा। सिसोदिया को वित्त एवं योजना, राजस्व, सेवाएं, बिजली, शिक्षा, उच्च शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, तकनीकी शिक्षा, प्रशासनिक सुधार जैसे प्रमुख विभाग दिए गए। उपमुख्यमंत्री को शहरी विकास, भूमि एवं भवन, सतर्कता विभाग तथा अन्य सभी विभागों की जिम्मेदारी भी दी गई, जो किसी मंत्री को आवंटित नहीं थे।

गोपाल राय को रोजगार, विकास, श्रम, परिवहन और सामान्य प्रशासन विभाग आवंटित किए गए। पिछली आप सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन को बिजली, स्वास्थ्य, उद्योग, गुरुद्वारा प्रबंधन, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, लोक निर्माण विभाग का प्रभार दिया गया। महिला एवं बाल कल्याण, समाज कल्याण, भाषा तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग संदीप कुमार को आवंटित किये गये।

जितेन्द्र सिंह तोमर ने गृह, विधि एवं न्याय, पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभागों की जिम्मेदारी संभाली। वहीं असीम अहमद खान को खाद्य एवं आपूर्ति, पर्यावरण एवं वन तथा चुनाव विभाग आवंटित किए गए।

आप की तीसरी बार सरकार आई तब कौन-कौन मंत्री बने?
आम आदमी पार्टी की दूसरी सरकार पूरे पांच साल चली। इसके बाद फरवरी 2020 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में एक बार फिर आप ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की। इस बार पार्टी ने दिल्ली की 70 में से 62 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की। वहीं बाकी आठ सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार विजयी हुए। 16 फरवरी 2020 को अरविंद केजरीवाल ने तीसरी बार दिल्ली की सत्ता संभाली। केजरीवाल के साथ छह मंत्रियों मनीष सिसोदिया, स

त्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, राजेंद्र गौतम ने भी शपथ ली। मनीष सिसोदिया एक बार फिर दिल्ली सरकार में उप-मुख्यमंत्री बने। 2015 के बाद 2020 में गठित हुई नई कैबिनेट में भी किसी महिला को जगह नहीं मिली।

अरविंद केजरीवाल ने इस बार भी अपने पास कोई भी विभाग नहीं रखे। मनीष सिसोदिया को पर्यटन, शिक्षा, वित्त, योजना, भूमि एवं भवन, सतर्कता, सेवा विभाग मिले। सत्येंद्र जैन के हिस्से स्वास्थ्य, उद्योग, लोक निर्माण विभाग, विद्युत, गृह, शहरी विकास विभाग आए। गोपाल राय ने पर्यावरण, रोजगार, विकास, श्रम, सामान्य प्रशासन विभाग, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग संभाला। राजेंद्र पाल को महिला एवं बाल कल्याण, गुरुद्वारा चुनाव, जल, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, समाज कल्याण, सहकारिता विभाग मिले। इमरान हुसैन को खाद्य एवं आपूर्ति, चुनाव का विभाग का प्रभार दिया गया। कैलाश गहलोत को प्रशासनिक सुधार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, कानून, न्याय एवं विधायी मामले, परिवहन, राजस्व, वन एवं वन्यजीव विभाग मिले।

तीसरे कार्यकाल में कई मंत्रियों को जेल-इस्तीफा
आम आदमी पार्टी की सरकार के लिए इसका तीसरा कार्यकाल चुनौतियों भरा रहा। खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल और दो अन्य मंत्री अलग-अलग मामलों में जेल चले गए। मई 2022 में ईडी ने दिल्ली के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन को मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया। मार्च 2023 में ईडी ने शराब नीति मामले में दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया। फरवरी 2023 के अंत में मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस संकट के बीच मार्च 2023 में आप सरकार में कैबिनेट विस्तार कर दो विधायकों सौरभ भारद्वाज और आतिशी को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई। सौरभ को स्वास्थ्य तो आतिशी को शिक्षा के साथ कई अहम विभागों का भी प्रभार मिला। इसके बाद सरकार के कुछ विभागों में फेरबदल किए गए।

आप को इसी साल लोकसभा चुनाव से पहले तब झटका लगा जब इसके मुखिया अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। मार्च 2024 में शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की। उधर दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने अप्रैल 2024 में मंत्री पद और आम आदमी पार्टी दोनों से इस्तीफा दे दिया। राजकुमार ने आबकारी नीति घोटाले का विरोध करते हुए पद से इस्तीफा दिया।

अब दिल्ली में क्या हुआ है?
13 सितंबर को आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सशर्त जमानत मिल गई। इसी दिन दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद केजरीवाल बाहर आ गए। आप नेता को यह राहत सुप्रीम कोर्ट ने दी।

जेल से बाहर आने के दो दिन बाद ही 15 सितंबर को केजरीवाल ने सीएम पद छोड़ने एलान कर सभी को चौंका दिया। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 18 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। आप मुखिया ने कहा, जब तक लोग उन्हें ईमानदारी का प्रमाण-पत्र नहीं दे देते, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। उधर विधायक दल की बैठक बुलाई गई, जिसमें नए सीएम के रूप में पर आतिशी के नाम का एलान हुआ।