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पटना: बिहार में हुई जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी हो गई है। बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, पिछड़ा वर्ग 27.13%, मुसलमान 17.7% सामान्य वर्ग 15.52% है। बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है। ये जानकारी बिहार के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी। जातियों की बात करें तो राज्य में कुल 215 जातियां रहती हैं। मुसलमानों को छोड़ टॉप 10 की भी डेटा सामने आ गई है।
बिहार में टॉप 10 जातियों का डेटा
यादव- 14.26 प्रतिशत
दुसाध- 5.31 प्रतिशत
रविदास- 5.2 प्रतिशत
कोइरी- 4.2 प्रतिशत
ब्राह्मण- 3.65 प्रतिशत
राजपूत- 3.45 प्रतिशत
मुसहर- 3.08 प्रतिशत
कुर्मी- 2.87 प्रतिशत
भूमिहार- 2.86 प्रतिशत
मल्लाह- 2.60 प्रतिशत
बनिया- 2.31 प्रतिशत
कायस्थ- 0.60 प्रतिशत
डेटा को लेकर सीएम नीतीश बुलाएंगे मीटिंग
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल साइट X पर लिखा कि ‘आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई!
बिहार की सभी 215 जातियों का एक-एक डेटा, ब्राह्मण से अघोरी तक यहां देखें
जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी और दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है। जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास और उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।
बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी और जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा।’