उत्तराखंड में बेरोजगारों को ऐसे कैसे मिलेगी नौकरी! विवाद के कारण नियुक्तियां अटकीं

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उत्तराखंड में बेरोजगारों के साथ लगातार धोखा हो रहा है। फॉर्म भरने के बाद भी नियुक्तियां रद्द होने पर बेरोजगार अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं। सरकार द्वारा निकालीं गईं नियुक्तियों पर विवाद शुरू होने के बाद बेरोजगारों के पास इंतजार के सिवाय कोई चारा नहीं बचता है। वर्तमान विवाद के कारण उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की करीब दो हजार नियुक्तियां अटक गई है।

इसमें कुछ की तो परीक्षा भी हो चुकी है, लेकिन डेटा विश्लेषण करने वाली फर्म के इस प्रकरण में फंसने से रिजल्ट तैयार नहीं हो पा रहा है। साथ ही आगामी परीक्षा भी प्रभावित हो रही है। राजू ने स्वीकार किया कि करीब दो हजार नियुक्तियां इस कारण प्रभावित हो रही है। अब आयोग के साथ कोई प्रतिष्ठित कंपनी ऑनलाइन परीक्षा कराने के बहुत इच्छुक भी नहीं है।

सवाल : खुद इस्तीफा या सरकार का इशारा
एस राजू ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की बात कही है, लेकिन चर्चा है कि उन्होंने सरकार के स्तर से आयोग की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताए जाने के बाद ही इसके लिए मन बनाया। दरअसल यह भर्ती मामला लगातार राजनैतिक रूप ले रहा था, विपक्षी दल इसकी तुलना बंगाल शिक्षक भर्ती से कर रहे थे। इस कारण सरकार को इस मामले में असहजता का सामना करना पड़ रहा था।

आप ने सरकार को घेरा
एस राजू के इस्तीफे पर आप प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने सरकार को घेरा है। बिष्ट ने कहा कि सरकार छोटे लोगों को गिरफ्तार कर बड़े मगरमच्छों को बचाने का काम कर रही है। राजू के इस्तीफे से यह बात साबित हुई है कि पूरा तंत्र ही भ्रष्ट है। जोत सिंह बिष्ट ने कहा सरकार इस मामले में सिर्फ अपनी नाकामी छिपाने का प्रयास कर रही है।