पति-पत्नी और ‘वो’… सॉरी कुछ नहीं बचा, बोल उस डॉक्टर ने मौत को गले लगा लिया

Husband and wife and 'she'... sorry nothing left, said that doctor embraced death
Husband and wife and 'she'... sorry nothing left, said that doctor embraced death
इस खबर को शेयर करें

‘मेरी जिंदगी में कुछ नहीं बचा, जीने की कोई उम्मीद नहीं, सॉरी’… ये आखिरी शब्द हैं उस लड़की के जिसने जिंदगी को लेकर कई सपने देखे थे, आखिरी बार लिखे गए ये वो शब्द हैं, जो दिखाते हैं कि मौत से पहले कितने उधेड़बुन के बीच इस लड़की को मौत को चुना। आप सुनकर हैरान रह जाएंगे, ये शब्द उस लड़की ने लिखे जिसने सालों की कड़ी मेहनत की और डॉक्टर की डिग्री हासिल की, जिसे पाना न जाने कितनों का सपना होता है लेकिन चंद शब्दों के बाद ही इस लड़की ने मौत को गले लगा लिया। आखिर क्या वजह थी जो एक हंसती खेलती लड़की ने अपनी जान दे दी। कौन है ये डॉक्टर जिसने ऐसे शब्द लिखे और मौत से पहले इसने किससे क्यों माफी मांगी?

रेजिडेंट डॉक्टर ने दी जान
रविवार का दिन राजस्थान के जोधपुर के मथुरादास हॉस्पिटल के लिए बेहद दर्दनाक था। शाम तक सबकुछ सामान्य था। इस अस्पताल के गर्ल्स हॉस्टल में चहल-पहल थी। हॉस्टल की लड़कियां अपनी नॉर्मल रुटीन को फॉलो कर रही थीं। इसी हॉस्टल में रहतीं थीं अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर सोनाली विजय। 29 साल की सोनाली अपने कमरे में थीं। तभी उनकी दोस्तों ने दरवाजा खटखटाया लेकिन सोनाली ने दरवाजा नहीं खोला। सोनाली को बाहर बुलाने के लिए उनकी दूसरी फ्रेंड्स ने उन्हें फोन किया, लेकिन सोनाली ने फोन का जवाब भी नहीं दिया। काफी देर तक प्रयास करने के बाद भी जब सोनाली ने दरवाजा नहीं खोला तो दरवाजे के कुंडे को तोड़ दिया गया।

एनेस्थीसिया की ओवरडोज
दरवाजा खुलने के बाद जो सामने सीन था, उसे देखकर लड़कियों के होश उड़ गए। कमरे में सोनाली बेसुधध पड़ी थी। सोनाली के पास ही एनेस्थीसिया के इजेक्शन पड़े हुए थे। सोनाली को तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक सोनाली की जान जा चुकी थी। माना जा रहा है कि एनस्थीसिया की ओवरडोज लेकर सोनाली ने अपनी जान दे दी। अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर आत्महत्या कर चुकी थी। जैसे ही ये खबर फैली अस्पताल में हड़कंप मच गया। सोनाली के परिवार वालों को पूरी सूचना दी गई।

सुसाइड नोट में परिवार से मांगी माफी
सोनाली के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ जिसपर लिखा था- ‘मेरी ज़िंदगी में कुछ नहीं बचा, जीने की कोई उम्मीद नहीं, सॉरी’।आप सोच रहे होंगे कि आखिर क्यों एक डॉक्टर ने मौत को गले लगाया? चलिए आपको बताते हैं सोनाली की आखिरी शब्दों की पूरी हकीकत। दरअसल सोनाली ने ये शब्द अपने परिवार के लिए लिखे हैं, जिनसे वो बेहद प्यार करती थी लेकिन पिछले कुछ दिनों में सोनाली की ज़िंदगी में ऐसा भूचाल आया कि वो खुद को संभाल नहीं पाईं। सोनाली कमजोर पड़ गई और अपनी ज़िदगी को खत्म करने जैसा खतरनाक रास्ता चुन लिया।

शादीशुदा डॉक्टर से करती थीं प्यार
सोनाली अपने अस्पताल के ही एक डॉक्टर अंकित से प्यार करने लगी थी लेकिन अंकित पहले से ही शादीशुदा था। अंकित की पत्नी डॉक्टर आकांक्षा को कुछ दिन पहले ही सोनाली और अंकित के रिश्तों के बारे में पता चला। नाराज आकांक्षा ने अस्पताल में आकार इस मामले में सोनाली को डांट लगाई और दोनों का काफी झगड़ा भी हुआ। शनिवार के दिन आकांक्षा, सोनाली के परिवार से मिली और पूरे मामले की जानकारी उन्हें दी। इस घटना के बाद सोनाली के परिवार के लोग खासे दुखी थे। सोनाली के परिवार ने सोनाली को समझाने की काफी कोशिश की लेकिन सोनाली इसके बाद से डिप्रेशन में रहने लगी।

सुबह से ही कमरे में थीं बंद
एक तरफ सोनाली का परिवार था जिसे वो दुखी नहीं करना चाहती थी और दूसरी तरफ अंकित के साथ उसका रिश्ता। रिश्तों की इसी उधेड़बुन ने सोनाली की ज़िंदगी को बेहद मुश्किल बना दिया था। रविवार को वो पूरे दिन अपने कमरे में बंद रही, परिवार वाले उसे फोन पर अंकित से दूर रहने के लिए समझाते रहे लेकिन शाम के बाद सोनाली ने अपने परिवार का फोन उठाना बंद कर दिया। सोनाली के परिवार ने ही, हॉस्टल में उसके दोस्तों को फोन किया था कि कमरे में जाकर सोनाली को देखें लेकिन जब तक सोनाली के दोस्त उस तक पहुंच पाते, वो इस दुनिया को अलविदा कह चुकीं थीं। सोनाली के परिवार ने आकांक्षा और अंकित के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। पुलिस केस से जुड़े दूसरे तथ्यों पर भी जांच कर रही है।