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Ypga for periods pain: पीरियड्स के समय से लेकर मेनोपॉज तक, हमें इस सामयिक नेचुरल प्रक्रिया का सामना करना पड़ता है. यह उम्र हमारी फैमिली और पेशेवर जगहों पर भी अनेक जिम्मेदारियों के साथ आती है. काम के दौरान पीरियड्स का आना हमें क्रैम्प्स, ब्लोटिंग और मूड स्विंग्स जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, इन सभी समस्याओं को संघर्ष करने के लिए हमें कई उपाय अपनाने पड़ते हैं. योग एक ऐसा उपाय है जो हमें न केवल इन समस्याओं का सामना करने में मदद करता है, बल्कि हमारे जीवन को स्वस्थ और बेहतर बनाने में भी मददगार साबित होता है. आज हमें उन विशेष योगासनों के बारे में जानना चाहिए जो हमारे पीरियड्स के दौरान हमारी मदद कर सकते हैं.
1. जानुशीर्षासन
जानुशीर्षासन योगासन एक प्रकार का सम्पूर्ण शरीर को संचालित करने वाला आसन है. इसे करने के लिए सबसे पहले एक योगा मैट या एक चादर का उपयोग करके योगासन करने की स्थिति में बैठें. अपनी टांगों को सीधा और आगे बढ़ाएं. दाईं टांग को घुटने से मुड़ाएं और जमीन पर रखें, जैसे आप एक छोटी सी लकड़ी को छूने की कोशिश कर रहे हों. अपने बाएं पैर को आगे की ओर नीचे लाएं, जैसे आपकी आंखों से आगे की ओर देखने की कोशिश हो रही हो. अपने बाएं पैर के पंजे को सीधा और नीचे की ओर देखते हुए धीरे-धीरे उठाएं. शांतिपूर्ण ब्रेथिंग बनाए रखें और दिमाग को शांत रखें. शरीर को शांत रखने के लिए कोशिश करें.
2. धनुरासन
सबसे पहले एक योगमाट का उपयोग करके योगासन करने की स्थिति में पेट के बल लेट जाए. अब अपने पैरों को जमीन पर धीरे-धीरे सीधा करें, अपनी टांगों को हल्का-धीमा फैलाएं. अब अपने हाथों को अपनी पीठ की ओर ले जाएं और अपने बाएं हाथ को बाएं पैर के पास और अपने दाएं हाथ को दाएं पैर के पास रखें. शांतिपूर्ण ब्रेथिंग बनाए रखें और ध्यान केंद्रित करें. अब अपनी सांस को अंदर लेते हुए धीरे-धीरे अपनी उंगलियों को पैरों के आगे खींचें और अपने सीने को जमीन से ऊंचा करें. इस स्थिति में कुछ समय रुकें और ध्यान केंद्रित रहें. अब सांस को धीरे-धीरे छोड़ें और अपनी पीठ को धीरे-धीरे नीचे ले जाए. सांस को बाहर छोड़ते हुए और हाथों को बाहर खींचते हुए शुरुआती स्थिति में लौटें.
3. उष्ट्रासन
सबसे पहले एक योगा मैट का उपयोग करके योगासन करने की स्थिति में बैठें. अपने पैरों को आगे की ओर रखें, जबकि आपकी गुदा पैरों के पीछे हो. अब अपने हाथों को पीठ के पीछे रखें, अपनी उंगलियों को आगे की ओर रखें और हल्के से धकेलें. शांतिपूर्ण ब्रेथिंग बनाए रखें और ध्यान केंद्रित करें. अब धीरे-धीरे अपनी पीठ को पीछे की ओर झुकाएं, जैसे आप एक उष्ट्र के साथ कर रहे हों. यहां ध्यान दें कि आपकी गर्दन को सुविधाजनक रूप से विस्तारित रखें. शांत रहें और स्थिति में कुछ समय ध्यान केंद्रित करें. सांस को धीरे-धीरे छोड़ें और धीरे-धीरे पीठ को उच्चतम स्थिति में लौटें. सांस को बाहर छोड़ते हुए और हाथों को बाहर खींचते हुए शुरुआती स्थिति में लौटें.