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पटना: बिहार में मुर्दे भी सरकरी अनाज खाते हैं. भले ही यह पढ़कर आप हैरान हों लेकिन यह सच है. बिहार में खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग ने 16 लाख 37 हजार राशन कार्ड को पकड़ा है जिनकी मृत्यु हो जाने के बाद भी उनके नाम पर राशन का उठाव हो रहा था. ऐसे 16 लाख से ज्यादा लोगों के नाम पर हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज उठाया जा रहा था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में ऐसे मृत राशनकार्ड धारकों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया और 16 लाख 37 हजार राशन कार्ड को रद्द किया गया है.
दरअसल, 16 लाख से ज्यादा मुर्दों के सरकारी अनाज खाने का खुलासा तब हुआ जब राज्य सरकार ने ई-केवाईसी की प्रक्रिया शुरू की. इससे मृतक लोगों की कोई पहचान नहीं आई और इस धांधली का पता चला. इस तरह राज्य में मुर्दों के सरकारी अनाज खाने की कलई खुली जिनकी संख्या 16 लाख 37 हजार से ज्यादा रही. खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार ने कहा कि मृतकों के नाम पर हो रहे राशन उठाव के खिलाफ कार्रवाई की गई है. ऐसे तमाम मृतक लोगों का नाम काटा गया है. साथ ही ई-केवाईसी से इस प्रकार से फर्जीवाड़ा करने वालों की पूरी सूची सामने आई है.
उन्होंने कहा कि बिहार में कुल 8 करोड़ 35 लाख राशन कार्डधारियों में से 8 करोड़ 4 लाख यानी 95% का आधार से सीडिंग हो चुका है. अब तक 5 करोड़ 10 लाख लोगों का E-KYC पूरा हो चुका है, जबकि 3 करोड़ 24 लाख लोगों की प्रक्रिया अभी जारी है. जैसे-जैसे E-KYC की प्रक्रिया बढ़ रही है, वैसे-वैसे ऐसे और भी मामले सामने आ रहे हैं. फ़िलहाल मुर्दों के राशन उठाने की संख्या 16 लाख से ज्यादा है.
वहीं E-KYC के माध्यम से एक और खुलासा हुआ. राज्य में 2 लाख 77 हजार लोग ऐसे पाए गए जो बिहार से बाहर रहकर भी दोनों जगहों से अनाज उठा रहे थे. इनमें सबसे ज्यादा लोग दिल्ली के हैं, जहां 1 लाख 95 हजार लोग इस हेराफेरी में शामिल पाए गए. इसके अलावा, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग पाए गए जो दोनों राज्यों से राशन ले रहे थे. वहीं, अन्य राज्यों से बिहार में बसे केवल 6 हजार परिवार ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत अनाज ले रहे हैं. गौरतलब है कि ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ के तहत अब कोई भी राशनकार्ड धारक कहीं से राशन उठाव कर सकता है.