मुजफ्फरनगर। 2013 में मुजफ्फरनगर के शहीद चौक पर आयोजित सभा में मंच पर मौजूद पूर्व सांसद कादिर राणा, पूर्व सांसद सईदुज्जमां एवं तत्कालीन डीएम कौशल राज शर्मा एवं एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे।
मुजफ्फरनगर में हुए 2013 दंगे के मामले में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में कोर्ट आज गुरुवार को प्रदेश के पूर्व गृहराज्यमंत्री सईदुज्जमां और पूर्व सांसद कादिर राणा सहित 10 आरोपियों पर आरोप तय करेगी। इस मामले में सभी आरोपियों को गुरुवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं।
कवाल गांव से भड़की थी 2013 दंगे की चिंगारी
जानसठ के गांव कवाल में 27 अगस्त 2013 को शाहनवाज की हत्या के बाद आक्रोशित भीड़ ने ममेरे भाइयों सचिन और गौरव की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। एक ही दिन में 3 हत्याओं से जिले में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। 28 अगस्त को सचिन और गौरव की अंत्येष्टि से लौटते हुए लोगों ने कवाल में मुस्लिम समाज के लोगों के घरों में तोड़फोड़ की। इस घटना ने माहौल में और भी तनाव पैदा कर दिया था।
जुमे की नमाज के बाद शहीद चौक पर हुई थी सभा
27 और 28 अगस्त 2013 की घटनाओं के बाद शहीद चौक पर 30 अगस्त को जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोगों की एक सभा का आयोजन किया गया था। इसमें सपा, बसपा तथा कांग्रेस से जुड़े नेताओं ने भाग लिया था। सभा के अंत में तत्कालीन डीएम कौशल राज शर्मा और एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे को एक ज्ञापन दिया गया था।
पूर्व मंत्री और सांसद सहित 10 लोग हुए थे नामजद
30 अगस्त को शहीद चौक पर जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम नेताओं ने मौजूद लोगों को संबोधित किया था। डीएम और एसएसपी भी मंच पर पहुंचे थे। जिन्हें एक ज्ञापन देकर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की गई थी। घटना के कुछ दिन बाद शहर कोतवाली पुलिस ने कांग्रेस नेता तथा पूर्व सांसद और प्रदेश के पूर्व गृहराज्यमंत्री सईदुज्जमां, तत्कालीन बसपा सांसद कादिर राणा, तत्कालीन बसपा विधायक नूरसलीम राणा तथा मौलाना जमील अहमद कासमी, कांग्रेस नेता सलमान सईद, पूर्व सभासद एड. असद जमां, एड. सुल्तान मुशीर, अहसान कुरैशी, नाैशाद कुरैशी, मुशर्रफ कुरैशी सहित 700 अज्ञात लोगों के खिलाफ भड़काऊ भाषण सहित विभिन्न आरोपों में मुकदमा दर्ज हुआ था।
MP-MLA कोर्ट से फास्ट ट्रैक कोर्ट में आया केस
पुलिस ने मामले की विवेचना कर सभी आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी थी। इसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में मुकदमा ट्रांसफर हो गया था। करीब दो साल तक विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के बाद संबंधित मुकदमे की फाइल गत वर्ष फास्ट ट्रैक कोर्ट में चली गई थी। इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों पर आरोप तय करने के लिए 23 जून की तारीख तय की थी। इसके साथ ही सभी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर रहने के लिए निर्देशित किया था।