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चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने 118 साल तक अवैध कब्जे में रहने के बाद फतेहगढ़ साहिब के गांव में 417 एकड़ जमीन लोगों से खाली करा ली है. जानकारी के मुताबिक जिले के सरहिंद प्रखंड के चलेरी कलां गांव में 1904 में चार लोगों ने 417 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया था. जमीन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित की गई थी और कुछ दलित परिवारों को भी अवैध रूप से बेची गई थी. इसी मुहिम के तहत दोआबा में एक आलू उत्पादक ने स्वेच्छा से 35 एकड़ जमीन सौंपी है, जिस पर सालों से अवैध कब्जा था. फतेहगढ़ साहिब के जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरभिंदर सिंह ग्रेवाल ने बताया कि यह जमीन 63 परिवारों के अवैध कब्जे में थी. एक सदी से अधिक समय से भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे परिवारों ने अदालत में लड़ाई लड़ने की कोशिश की लेकिन वे स्वामित्व स्थापित करने में विफल रहे और 2015 में मामला हार गए.
पंजाब के ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि राज्य सरकार चालेरी कलां में एक सरकारी पशु चिकित्सालय स्थापित करेगी. उन्होंने बताया कि विभाग ने शासकीय भूमि पर अनाधिकृत कब्जे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए पिछले 12 दिनों में 302 करोड़ रुपये की 1,008 एकड़ पंचायत भूमि से अतिक्रमण हटाकर सरकार को सौंप दिया है. मंत्री ने कहा कि हाल ही में राजस्व विभाग के अधिकारियों की हड़ताल के बीच पंचायत भूमि से अतिक्रमण हटाने के अभियान की गति धीमी हो गई थी. अब हड़ताल खत्म होने के साथ ही विभाग आने वाले दिनों में रोजाना 200 एकड़ जमीन खाली करने पर विचार कर रहा था.
कुलदीप धालीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा एक विशेष नंबर जारी किया जाएगा, जिस पर शामलात जमीनों पर अवैध कब्जों के बारे में जानकारी साझा की जा सकेगी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि शामलात जमीनों से कब्जे छुड़वाने के लिए पंचायत विभाग ने विशेष सेल स्थापित भी किया है.पंचायत विभाग ने अतिक्रमण हटाने के लिए स्पेशल सेल का गठन किया है. यह डेटा संकलित करेगा, कानूनी और अन्य पहलुओं की जांच करेगा और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. बता दें कि सीएम भगवंत मान ने अवैध कब्जाधारकों को चेतावनी देते हुए कहा था कि जल्द से जल्द अवैध कब्जा छोड़ दें वरना नया केस दर्ज होगा.