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जयपुर। राजस्थान के बारां जिले में दो महिला पुलिस कांस्टेबल ने अपना दूध पिलाकर भूख से तड़प रही ढाई महीने की बच्ची की जान बचाई। दरअसल, बच्ची का पिता राधेश्याम नशा करने का आदी है। वह मंगलवार की रात को अपने गांव छीपाबडौद से अपनी ससुराल कामखेड़ा गांव गया था। अगले दिन बुधवार सुबह करीब पांच बजे बिना किसी से बात किए ढाई महीने की बच्ची को लेकर चुपचाप रवाना हो गया। भूखी-प्यासी बच्ची को वह अपने साथ लेकर करीब 15 किलोमीटर दूर तक पैदल चला और फिर जंगल में ही बैठ कर नशा करने लगा।इस दौरान राधेश्याम की पत्नी कमला की नींद खुली तो उसने देखा कि बच्ची उसके पास नहीं सो रही है। तलाश करने पर राधेश्याम भी नहीं मिला। इस पर उसे शक हुआ कि बच्ची को राधेश्याम ले जा सकता है।
बच्ची को कराया स्तनपान
कमला ने सारथल थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तलाशी शुरू की तो राधेश्याम नशे की हालत में पड़ा हुआ मिला और बच्ची भूख-प्यास से तड़प रही थी। पुलिस की टीम में शामिल दो महिला कांस्टेबल बच्ची को अपने साथ थाने लेकर आईं। दोनों महिला कांस्टेबल पूजा और मुकलेश ने बच्ची को अपना दूध पिलाया। दूध पिलाने के बाद बच्ची को कटोरी और चम्मच से पानी पिलाया। इसके बाद कमला को उसकी बच्ची सौंपी गई। पूजा ने बताया कि बच्ची को देखकर लग रहा था कि वह काफी समय से भूखी है। पूजा और मुकलेश ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमने अपना स्तनपान करवा कर एक बच्ची को बचाया। मुलकेश ने बताया कि राधेश्याम के पास नशे की गोलियां मिली हैं। जिनकी जांच की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक ने दिया पुरस्कार
ढाई माह की मासूम को अमृतपान करा जिंदगी देने पर उत्साह अभिवृद्धि के लिए दोनों महिला पुलिस कर्मियों को हौसला अफजाई के लिए कल्याण मल मीना पुलिस अधीक्षक बारां ने 501-501 रुपये नकद पुरस्कार मय प्रशंसा पत्र प्रदान किया है।