उत्तराखंड में पिछले 5 साल में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े 32 पुल, 27 तो…

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देहरादून: उत्तराखंड में पिछले पांच साल में छोटे-बड़े 32 पुल टूट चुके हैं। 27 पुलों की हालत काफी खराब है। इनमें पैदल और झूला पुल भी शामिल हैं। निर्माण के वक्त गुणवत्ता से समझौता और रखरखाव-मरम्मत में ढिलाई तो पुलों के टूटने की वजह है ही, पुलों के नीचे नदियों में बेतरतीब खनन भी पुलों के ध्वस्त होने का प्रमुख कारण बन रहा है।

देहरादून: एक साल में टूट गए तीन पुल
दून में हाल के वक्त में तीन पुल टूट चुके हैं। जून में देहरादून-रायपुर-थानो रूट पर बड़ासी पुल का एक हिस्सा ढह गया था। इसमें एनएच के तीन इंजीनियरों को सस्पेंड किया गया था। नगर निगम क्षेत्र में बकरालवाला और डोभालवाला को जोड़ने वाला पुल 29 जुलाई को टूट चुका है। मसूरी रोड पर मालसी डियर पार्क के पास सालों पुराने दो पुल जर्जर हालत में हैं।

हरिद्वार: चार साल से बंद है कोटावाली पुल पर यातायात
नजीबाबाद हाईवे में सीमा पर कोटावाली नदी पर 4 अगस्त2017 को पुल का पीलर धंस गया था। तभी से पुल पर यातायात बन्द कर दिया गया था। पुल की मरम्मत नहीं हो पाई। नया पुल निर्माणाधीन है। फिलहाल गाड़ियां नहर पटरी से आ जा रही हैं।

उत्तरकाशी: पांच साल में टूटे सात पुल
पांच वर्षों में आपदा से छोटे बड़े सात पुल ध्वस्त हो चुके हैं। वर्ष 2019 में आराकोट क्षेत्र में आपदा में दुचाणू -किराणु व चिंवा-जाखटा बड़े पुलों सहित मोल्डी,टिकोची व चिंवा में पैदल झूला पुल ध्वस्त हुए। वहीं इसी वर्ष गत 18 जुलाई को बाड़ागड्डी क्षेत्र में आई आपदा के कारण मांडो व साड़ा पुल ध्वस्त हो गया था। जिले में 10 से अधिक पुल जर्जर स्थिति में हैं।

टिहरी: जर्जरहाल हो गया स्यांसू सस्पेंशन ब्रिज
नवंबर, 2020 में थत्युड़ बाजार के बीच आरसीसी पुल ओवरलोड वाहन के गुजरने की वजह से टूट गया। एक महीने तक यहां यातायात प्रभावित रहा। स्यांसू सस्पेंशन ब्रिज भी जर्जरहाल में है।

रुद्रप्रयाग: केदारनाथधाम को जोड़ने वाला पुल ही जर्जर हाल
जून 2021 में अलकनंदा में उफान के कारण गुलाबराय बाईपास के पास स्थित पुल बह गया। बेलनी कस्बे और केदारनाथ क्षेत्र को जोड़ने वाला प्रमुख बेलनी पुल वर्षो से जर्जर है। तिलवाड़ा से सुमाड़ी जाने वाला पुल और केदारनाथ हाईवे पर चन्द्रापुरी पुल जर्जर है।

पौड़ी: बौंसाल पुल जर्जरहाल
बौंसाल मोटरपुल जर्जर स्थिति में है। इसके स्थान पर वर्ल्ड बैंक के माध्यम से नया पुल बनाया जा रहा है। एनएच बुआखाल रामनगर पर भी दो छोटे पुल नए बना दिए गए हैं। जबकि चार पुल सिरोली, ककरोडा, गडरी के पास निर्माणाधीन है। इनके स्थान पर पुराने पुलों से ही आवाजाही हो रही है।

नैनीताल: गौला के पुल पर दरार, अवैध खनन वजह
जिले में 2018 में वीरभट्टी पुल टूट गया था। यह हादसा गैस सिलेंडर सप्लाई वाहन में आग लगने से हुआ था। सिलेंडर में धमाकों के बाद पुल टूट गया था। हल्द्वानी में 2018 में गौलापुल में दरार आ गयी थी। इस पुल के नीचे बड़ी मात्रा में अवैध खनन होता है। इसके अलावा रानीबाग और गौला पुल वर्तमान में जर्जर हालत में हैं। केवल रानीबाग और वीरभट्टी में नया पुल बनाया जा रहा है

यूएसनगर : पांच साल में टूट गए पांच पुल
जिले में पांच साल के भीतर 5 पुल टूटे हैं। खटीमा में सबोरा पुल गत वर्ष बहुत अधिक बारिश के बहाव में बह गया था। शारदा नहर पर बना पुल 100 साल की उम्र पार कर चुका है। पहेनिया का पुल सौ साल की उम्र पूरी करने के कारण जर्जर हालत में है और बंद कर दिया गया है।

पिथौरागढ़: 15 छोटे-बडे़ पुल टूटे पांच साल में
जिले में पिछले पांच साल के भीतर दो वैली ब्रिज व एक मोटर पुल,12 पैदल पुल टूटे। तीनों मोटर व वैली पुल में क्षमता से अधिक भार वाहनों का लोड पड़ने से पुल टूटे ,पैदल पुल आपदा के कारण ध्वस्त हो गए। 3 मोटर व वैली पुल नए बने हैं।

बागेश्वर: एक पैदल पुल टूटा, दो जर्जर
जिले में पिछले पांच साल में एक पैदल पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। दो पैदल पुल जर्जर हालत में हैं। लोनिवि के ईई संजय पांडेय ने बताया कि पिछले पांच साल में एक पैदल पुल क्षतिग्रस्त हुआ है।

सौ साल मानी जाती है किसी भी पुल की उम्र:किसी भी पुल या परमानेंट स्ट्रक्चर की लाइफ सौ साल के करीब मानी जाती है। लोनिवि के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि पुलों को सौ साल के लिए डिजायन किया जाता है।