नई दिल्ली। रेलवे में कर्मचारियों के स्थानांतरण की प्रक्रिया अब पहले से ज्यादा पारदर्शी होगी। इसके लिए स्वतंत्रता दिवस से नई स्थानांतरण प्रणाली शुरू की गई है। अब स्थानांतरण से संबंधित सभी आवेदन और नाम मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) पर डाल दिए जाएंगे। इससे कर्मचारियों के स्थानांतरण के समय भेदभाव नहीं होगा। कर्मचारी अक्सर स्थानांतरण को लेकर शिकायत करते हैं।
अधिकारियों पर भेदभाव के आरोप लगते हैं। संवेदनशील पद पर तैनात कर्मचारियों का दो से चार साल के बीच स्थानांतरण किया जाता है। कई कर्मचारियों की शिकायत रहती है कि पहुंच वाले कर्मचारी अपने पद पर बने रहते हैं। उनकी जगह दूसरे कर्मचारियों का समय से पहले स्थानांतरण कर दिया जाता है। इसी तरह से व्यक्तिगत कारणों से स्थानांतरण के लिए आवेदन देने वाले कर्मचारी भी असंतुष्ट रहते हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत दूसरे जोन में स्थानांतरण कराने वालों को होती है।
म्यूचुअल आधार (दो जोन के कर्मचारियों का आपस में स्थानांतरण) पर होने वाले स्थानांतरण के लिए कर्मचारी को लंबा इंतजार करना पड़ता है। उन्हें यह पता करना मुश्किल होता है कि जिस जोन में वह जाना चाहते हैं वहां से उनके पद पर आने के लिए कोई कर्मचारी तैयार है या नहीं। अब स्थानांतरण का आवेदन आनलाइन होने से इसकी जानकारी उन्हें मिल जाएगी। इसका सफल परीक्षण होने के बाद रेलवे बोर्ड ने 15 अगस्त से पूरे देश में लागू करने का फैसला किया है।
अधिकारियों को इसे कर्मचारियों के बीच में प्रचारित करने और इसमें सुधार के लिए सुझाव देने को कहा गया है। अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारी आनलाइन आवेदन कर सकेगा। पहले आवेदन करने वाले को प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदन पर कार्मिक व अन्य अधिकारी अपनी राय देंगे।